scorecardresearch
 

कार्ति चिदंबरम ने संसद में उठाया डिलीवरी एजेंट्स की सुरक्षा का मुद्दा, Zomato-Swiggy का किया जिक्र

कार्ति चिदंबरम ने कहा कि वाहनों में भी अंतर नहीं होता कि ये कमर्शियल यूज के लिए हैं या नहीं. किसी तरह की कोई दुर्घटना होने पर बीमा कंपनियां भी मुआवजा देने से इनकार कर देती हैं. वह बोले कि Zomato से जुड़े एक व्यक्ति की डिलीवरी करते समय मौत हो गई. ऐसे में इन डिलीवरी कंपनियों को रेगुलेट करने की जरूरत है.

Advertisement
X
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कार्ति चिदंबरम ने संसद में उठाया डिलीवरी एजेंट की सुरक्षा का मुद्दा
  • चिदंबरम ने कहा- इन कंपनियों के लिए बनाई जाए गाइडलाइन

कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने बुधवार को केंद्र सरकार से स्विगी और जोमैटो जैसी डिलीवरी कंपनियों को रेगुलेट करने के लिए गाइडलाइन जारी करने की अपील की है, ताकि डिलीवरी पार्टनर्स की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और उन्हें अवास्तविक लक्ष्यों से बचाया जा सके.

Advertisement

चिदंबरम ने यह मुद्दा लोकसभा में उठाया. वे गिग इकॉनमी के बारे में बात कर रहे थे. उन्होंने कहा, गिग वर्कर वह होता है, जिसका तकनीक के कारण इंप्लॉयर से गैर-पारंपरिक संबंध होता है. शिवगंगा से कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा, भारत में गिग इकॉनमी से 1.5 करोड़ वर्कर जुड़े हैं. यह संख्या बढ़कर 2.5 करोड़ यहां तक की 10 करोड़ तक हो सकती है.

चिदंबरम ने कहा, कई ऐसी कंपनियां हैं, जिनकी संपत्ति अरबों में है और गिग इकॉनमी में काम करती हैं. ये कंपनियां स्विगी, जोमैटो, ऊबर और ओला जैसी कंपनियां हैं. ये सभी अरबों डॉलर की हैं. उन्होंने कहा, डिलीवरी कंपनियां 10 मिनट या 30 मिनट में खाना और किराने के सामान या अन्य उत्पाद को डिलीवर करने का वादा करती हैं. लेकिन ये डिलीवरी कंपनियों के कर्मचारियों द्वारा नहीं की जाती. 

Advertisement

उन्होंने कहा कि हमारे पास डिलीवरी कंपनियां हैं जो 10 मिनट या 30 मिनट के भीतर भोजन और किराने का सामान या किसी भी उत्पाद का वादा करती हैं लेकिन यह डिलीवरी कंपनियों के कर्मचारियों द्वारा नहीं की जाती है. इसे डिलीवरी एजेंट डिलीवर करते हैं. जो दोपहिया वाहन चलाते हैं, वह उनका निजी वाहन होता है. इसमें वे कमर्शियल डिलीवरी करते हैं. उनके पीछे सीट पर बड़ा वजन होता है. लेकिन इन मजदूरों की कोई सुरक्षा नहीं होती. 

चिदंबरम ने कहा, वाहनों में भी अंतर नहीं होता कि ये कमर्शियल यूज के लिए हैं या नहीं. किसी तरह की कोई दुर्घटना होने पर बीमा कंपनियां भी मुआवजा देने से इनकार कर देती हैं. कई दुर्घटनाओं में डिलीवरी एजेंट की मौत भी हो जाती है. Zomato से जुड़े एक व्यक्ति की डिलीवरी करते समय मौत हो गई. ऐसे में इन डिलीवरी कंपनियों को रेगुलेट करने की जरूरत है. 

 

Advertisement
Advertisement