
Karwa Chauth 2021: देशभर में रविवार को करवा चौथ का त्योहार हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया. लेकिन दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए चांद का दीदार करना संभव नहीं हो पाया क्योंकि शाम से ही मौसम खराब हो गया और काफी देर तक तेज हवा के साथ जोरदार बारिश होती रही.
यूं तो करवा चौथ के दिन चांद निकलने का वक्त सवा 8 बजे के करीब था, लेकिन आसमान में छाए काले बादल और फिर जोरदार बारिश ने चांद के दर्शन होने पर ग्रहण लगा दिया. सुबह से सुहागिन महिलाओं ने अपने-अपने पति के लिए निर्जला व्रत रखा हुआ था और रात 8 बजने का इंतजार कर रही थीं, लेकिन खराब मौसम ने इस पर पानी फेर दिया.
खराब मौसम से उम्मीदें टूटीं
दिल्ली-एनसीआर की ज्यादातर सुहागिन महिलाओं को उम्मीद थी कि मौसम धीरे-धीरे साफ हो जाएगा और बादल छंटते ही चांद का दीदार हो जाएगा, लेकिन यह संभव नहीं हो सका. हालांकि देश के कई अन्य हिस्सों में मौसम पूरी तरह साफ रहा या हल्के बादल छाए रहे लेकिन उन्हें चांद का दीदार हो गया.
बारिश और खराब मौसम की वजह से दिल्ली-एनसीआर की महिलाओं को आज जब चांद नहीं दिखने का आभास होने लगा तो उन्होंने दूर-दराज के अपने गांव या रिश्तेदारों को फोन कर चांद निकलने को लेकर जानकारी लेने लगे. गांव और कई अन्य शहरों में चांद के दीदार होने की खबर मिलने पर कई महिलाओं ने अपने रिश्तेदारों और परिचितों से चांद की फोटो वॉट्सऐप पर मंगवाई और फिर उसी को देखकर अपना व्रत तोड़ा.
कई सुहागिन महिलाओं ने दूर-दराज के इलाकों में रह रहे अपने परिजनों या रिश्तेदारों को फोन कर वॉट्सऐप कॉल के जरिए चांद को जी-भर देखा और फिर व्रत तोड़ा.
हालांकि कुछ महिलाओं ने चांद के दिखने का इंतजार करने का फैसला लिया और जब काफी देर तक इंतजार कर लिया तो उन्होंने पूर्व दिशा में चांद के निकलने वाली जगह की ओर देखकर अपना व्रत तोड़ा.
अपनी आंखों या कैमरे की आंखों के जरिए चांद का दीदार करने के बाद ही महिलाओं का करवा चौथ का त्योहार पूरा हुआ. उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों में चंद्रमा का अच्छे से दीदार हो गया. एक-एक करके देशभर के सभी राज्यों और शहरों में चांद दिखाई दिया. असम के गुवाहाटी में भी लोगों को चांद का दीदार करने का मौका मिला. व्रती महिलाओं ने चांद को देखकर पहले पूजा अर्चना की और फिर व्रत तोड़ा.