जम्मू कश्मीर में सिनेमा प्रेमियों का इंतजार अब खत्म हो गया है. कश्मीर में तीन दशकों के बाद आज पहली बार मल्टीप्लेक्स खुल गया है. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर में इस मल्टीप्लेक्स का उद्घाटन किया. इसके उद्घाटन के साथ ही कश्मीर के लोगों को तीन दशकों के बाद पहली बार मल्टीप्लेक्स पर फिल्म देखने का मौका मिला है. लेकिन कश्मीर की धरती पर मल्टीप्लेक्स खुलने की यह राह उतनी आसान नहीं थी. इससे पहले भी कई बार कश्मीर में सिनेमा हॉल खोलने के प्रयास किए गए लेकिन सफल नहीं हो पाए.
आज श्रीनगर में जो पहला मल्टीप्लेक्स खुला है, उसमें सबसे पहले आमिर खान की लाल सिंह चड्ढा फिल्म दिखाई जा रही है, जिसे उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी दर्शकों के साथ बैठकर देख रहे हैं.
श्रीनगर के मल्टीप्लेक्स की खासियत
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीनगर में INOX द्वारा तैयार किए गए इस मल्टीप्लेक्स में तीन मूवी थिएटर और एक फूड कोर्ट होगा. यहां 520 लोग एक साथ बैठकर फिल्म देख सकेंगे. फिलहाल, दिन में सुबह नौ बजे से लेकर शाम छह बजे के बीच तीन शो चलाने की योजना है. बाद में दर्शकों की संख्या को देखकर इसमें बदलाव किए जाएंगे.
कश्मीर में सिनेमा हॉल खुलने पर हंगामा
कश्मीर में खुलने जा रहे सिनेमा हॉल को लेकर हंगामा भी जारी है. AIMIM प्रमुख ओवैसी ने साफतौर पर कहा है कि कश्मीर में सिनेमा हॉल खोले जा रहे हैं लेकिन हर शुक्रवार को श्रीनगर की जामिया मस्जिद को बंद कर दिया जाता है.
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आपने शोपियां और पुलवामा में सिनेमा हॉल खोल दिए लेकिन हर जुमे को श्रीनगर की जामिया मस्जिद बंद क्यों रहती हैं. कम से कम दोपहर के मैटिनी शो के दौरान तो उन्हें बंद नहीं करें.
जल्द ही कश्मीर के हर जिले में सिनेमा हॉल खुलेगा
कश्मीर में सिनेमा हॉल खोले जाने को लेकर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का कहना है कि हम जल्द ही जम्मू कश्मीर के हर जिले में इस तरह के मल्टीपर्पस सिनेमा हॉल का निर्माण करेंगे. जल्द ही अनंतनाग, बांदीपोरा, गांदरबल, डोडा, राजौरी, पुंछ और किश्तवाड़ में इस तरह के सिनेमा हॉल का निर्माण किया जाएगा.
यह पूछने पर कि क्या सरकार इस तरह सिनेमा हॉल का निर्माण कर कुछ संदेश देना चाहती है? इस पर उपराज्यपाल ने कहा, इसमें कोई संदेश नहीं है. सिनेमा एक शक्तिशाली रचनात्मक माध्यम है, जो संस्कृति और लोगों के मूल्यों को दर्शाता है. यह दुनिया के लिए ज्ञान, नई खोज के दरवाजे खोलता है और इससे लोगों को एक दूसरे की संस्कृति की बेहतर समझ मिलती है.
कश्मीर में सिनेमा हॉल खोलने के प्रयास
साल 1999 में फारुक अब्दुल्ला सरकार ने सिनेमा हॉल्स को दोबारा खोलने के प्रयास किए थे. इस कड़ी में रीगल, नीलम और ब्रॉडवे सिनेमा हॉल्स को फिल्में दिखाने की मंजूरी भी दी गई थी लेकिन रीगल सिनेमा के पहले शो के दौरान ही आतंकी हमला हुआ, जिसमें एक शख्स की मौत हो गई जबकि 12 लोग घायल हो गए थे. इसके बाद से थिएटर्स को एक बार फिर बंद कर दिया गया था.
अकेले श्रीनगर में दस सिनेमा हॉल थे, जिनमें बॉलीवुड फिल्मों की स्क्रीनिंग रखी जाती थी. कश्मीर के कई पुराने थिएटर्स को बाद में अस्पतालों और कमर्शियल सेंटर्स में तब्दील कर दिया गया या फिर उन्हें सुरक्षाबलों के लिए मेकशिफ्ट कैंप के तौर पर इस्तेमाल में लाया जाने लगा.
इससे पहले बीजेपी, पीडीपी सरकार के दौरान भी सिनेमा हॉल को दोबारा खोलने के प्रयास किए गए लेकिन घाटी में चरमपंथियों ने एक बार फिर इसका विरोध किया. जिस वजह से इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.
आतंकियों के डर से बंद हुए थे सिनेमा हॉल
बता दें कि अकेले घाटी में 1980 के दशक के अंत तक दर्जनभर सिनेमा हॉल थे लेकिन आतंकी संगठनों की धमकियों के बाद इन्हें कामकाज बंद करना पड़ा.
हालांकि, प्रशासन ने 1990 के दशक में दोबारा इन थिएटर्स को खोलने की कोशिश की लेकिन सितंबर 1999 में लाल चौक में रीगल सिनेमा पर घातक ग्रेनेड हमले के बाद इन प्रयासों को रोक दिया गया.
इसके साथ ही दो अन्य थिएटर्स नीलम और ब्रॉडवे को भी आतंकियों ने निशाना बनाया था, जिस वजह से उन्हें कारोबार बंद करना पड़ा था.
रविवार को पुलवामा, शोपियां में खुले थे सिनेमा हॉल
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को पुलवामा और शोपियां में मल्टीपर्पस सिनेमा हॉल का उद्घाटन किया था. इन दोनों सिनेमा हॉल में लाल सिंह चड्ढा सहित कई बच्चों पर केंद्रित फिल्में दिखाई गई थीं.
इन सिनेमा हॉल के उद्घाटन के बाद सिन्हा ने ट्वीट कर कहा कि जम्मू कश्मीर के लिए ऐतिहासिक दिन. जम्मू कस्मीर केंद्रशासित प्रदेश के लिए ऐतिहासिक दिन. पुलवामा और शोपियां में मल्टीपर्पस सिनेमा हॉल खुला.