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काजीरंगा को मिलेगी पहली महिला फील्ड डायरेक्टर, सोनाली घोष 1 सितंबर से संभालेंगी कार्यभार

अधिकारियों ने बताया कि एक सैन्यकर्मी के परिवार में जन्मीं घोष ने आईएफएस 2000-2003 बैच में सर्वोच्च स्थान हासिल किया था. केएनपी को पहली बार 1905 में प्रस्तावित संरक्षित वन घोषित किया गया था, उसके बाद 1908 में इसे संरक्षित वन और फिर 1916 में खेल अभयारण्य घोषित किया गया था. इसे 1938 में आगंतुकों के लिए खोल दिया गया था.

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काजीरंगा में पहली महिला क्षेत्र निदेशक के रूप में सोनाली एक सितंबर से पदभार संभालेंगी
काजीरंगा में पहली महिला क्षेत्र निदेशक के रूप में सोनाली एक सितंबर से पदभार संभालेंगी

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (KNP) की पहली महिला क्षेत्र निदेशक (फील्ड डायरेक्टर) के रूप में मुख्य वन संरक्षक डॉ. सोनाली घोष की तैनाती अगले महीने तय मानी जा रही है.

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असम सरकार ने घोष को वन प्रमुख के पद पर तैनात करने का आदेश पहले ही जारी कर दिया है और वह एक सितंबर से कार्यभार ग्रहण करेंगी. एक सींग वाले गैंडों के लिए मशहूर यह अभयारण्य नागांव, गोलाघाट, कार्बी आंगलोंग, सोनितपुर और बिश्वनाथ जिलों में फैला है.

भारतीय वन सेवा (आईएफएस)अधिकारी मौजूदा क्षेत्र निदेशक जतिंद्र शर्मा से पार्क का प्रभार ग्रहण करेंगी जो 31 अगस्त को रिटायर होंगे.

घोष मौजूदा समय में गुवाहाटी में प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन बल के प्रमुख के कार्यालय में अनुसंधान शिक्षा और कार्य योजना प्रभाग के मुख्य वन संरक्षक के रूप में कार्यरत हैं.

वन विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, वह 118 साल पुराने केएनपी के निदेशक के रूप में कार्यभार संभालने वाली पहली महिला अधिकारी होंगी.

अधिकारियों ने बताया कि एक सैन्यकर्मी के परिवार में जन्मीं घोष ने आईएफएस 2000-2003 बैच में सर्वोच्च स्थान हासिल किया था. केएनपी को पहली बार 1905 में प्रस्तावित संरक्षित वन घोषित किया गया था, उसके बाद 1908 में इसे संरक्षित वन और फिर 1916 में खेल अभयारण्य घोषित किया गया था. इसे 1938 में आगंतुकों के लिए खोल दिया गया था.
 

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