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दिल्ली में अब नहीं बनेगा केदारनाथ धाम, विवाद के बाद मंदिर समिति हुई भंग, दान-चंदे पर भी लगी रोक

उत्तराखंड सरकार ने एक अध्यादेश पारित किया था जिसमें यह सुनिश्चित किया गया था कि उत्तराखंड के चारधाम और प्रसिद्ध मंदिरों के नाम से कोई भी कहीं और मंदिर नहीं बना सकेगा. सरकार ने दिल्ली की केदारनाथ समिति को यह आदेश दिया था कि वे दिल्ली में केदारनाथ के नाम से मंदिर न बनाएं.

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उत्तराखंड सीएम पुष्कर धामी दिल्ली केदारनाथ धाम शिलान्यास में हुए थे शामिल (File Photo)
उत्तराखंड सीएम पुष्कर धामी दिल्ली केदारनाथ धाम शिलान्यास में हुए थे शामिल (File Photo)

दिल्ली में प्रस्तावित केदारनाथ मंदिर का निर्माण अब रद्द कर दिया गया है, और इसके साथ ही मंदिर समिति को भी भंग कर दिया गया है. इस निर्णय की जानकारी स्वयं मंदिर समिति ने एक पत्र जारी करते हुए दी है. इस घोषणा के बाद, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने उत्तराखंड सरकार को इस मुद्दे पर कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं. गणेश गोदियाल ने पहले मुख्यमंत्री और सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने सही निर्णय लिया है. इसके बाद उन्होंने तीन मुख्य सुझाव दिए.

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गणेश गोदियाल ने दिए ये सुझाव

धन हस्तांतरण: दिल्ली में प्रस्तावित केदारनाथ मंदिर के निर्माण के लिए जो भी धन एकत्रित किया गया है, उसे बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) को सौंपा जाए.

शिला की वापसी: केदारनाथ धाम से जो शीला (पत्थर) दिल्ली ले जाई गई थी, उसे सम्मानपूर्वक केदारनाथ धाम वापस लाया जाए.

भूमि हस्तांतरण: दिल्ली में जिस भूमि पर यह मंदिर प्रस्तावित था, उसे बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति को हस्तांतरित किया जाए.

इससे पहले, उत्तराखंड सरकार ने एक अध्यादेश पारित किया था जिसमें यह सुनिश्चित किया गया था कि उत्तराखंड के चारधाम और प्रसिद्ध मंदिरों के नाम से कोई भी कहीं और मंदिर नहीं बना सकेगा. सरकार ने दिल्ली की केदारनाथ समिति को यह आदेश दिया था कि वे दिल्ली में केदारनाथ के नाम से मंदिर न बनाएं. इस सरकारी दबाव के चलते ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण से अपने कदम पीछे खींच लिए थे. गणेश गोदियाल ने अब इस मुद्दे पर पुनः सुझाव देते हुए सरकार से इन पर कार्रवाई की मांग की है.

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बुराड़ी में मंदिर बनाने का था प्रस्ताव
बता दें कि, यह मंदिर दिल्ली के बुराड़ी में निर्मित करने का प्रस्ताव था. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुराड़ी में मंदिर के शिलान्यास समारोह में भाग लिया था. हालांकि, अब केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट की अध्यक्ष सुमन मित्तल ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "कुछ उत्तराखंडवासियों द्वारा इस पर आपत्ति जताने के बाद हमने यह निर्णय लिया कि मंदिर का निर्माण नहीं किया जाएगा, क्योंकि इससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच सकती थी." उन्होंने यह भी कहा, "अब हम उस नाम से कोई मंदिर नहीं बना रहे हैं." ट्रस्ट ने मंदिर के निर्माण के लिए ऑनलाइन दान स्वीकार करना भी बंद कर दिया है.

कांग्रेस ने भी निर्माण को लेकर जताया था विरोध
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित हिमालयी मंदिर के पुजारियों ने इस निर्माण का विरोध किया था. उनका कहना था कि यह मंदिर देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, और इसकी प्रतिकृति कहीं और बनाना सदियों पुराने मंदिर के प्रति अनादर दर्शाता है. विपक्षी कांग्रेस ने इस निर्माण के विरोध में हरिद्वार के हर की पैड़ी से केदारनाथ तक पदयात्रा निकाली थी, लेकिन यात्रा के अंतिम दिन से एक दिन पहले, 31 जुलाई की रात को भारी बारिश के कारण केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भारी क्षति होने के बाद, उन्होंने इसे सीतापुर में ही समाप्त कर दिया.

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