बाढ़ से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन एजेंसियों की तैयारियों का आकलन करने के लिए मध्य केरल के पठानमथिट्टा जिले में एक नदी पर एक मॉक ड्रिल आयोजित की गई. इस ड्रिल में भाग लेते हुए हुई दुर्घटना में एक वॉलंटीयर की मौत हो गई. पुलिस ने कहा कि 34 वर्षीय बिनु सोमन को कीझवईपुर के पास मणिमाला नदी में मॉक ड्रिल में भाग लेने के दौरान डूबते हुए देखा गया था.
पुलिस ने बताया कि उसे दुर्घटना के तुरंत बाद राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अधिकारियों द्वारा तिरुवल्ला के एक निजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
अधिकारियों ने कहा कि बाढ़ और भूस्खलन से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन टीम की तैयारियों का आकलन करने के लिए गुरुवार को पठानमथिट्टा जिले में विभिन्न स्थानों पर मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी.
क्या होती है मॉक ड्रिल?
मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य मैनमेड या प्राकृतिक आपातकालीन तैयारी योजना की समीक्षा करने के साथ-साथ किसी भी स्थान पर मानक संचालन प्रोटोकॉल का मूल्यांकन करना है. विशेष रूप से बड़े संगठनों, स्कूलों, स्थानों पर जहां खतरनाक सामग्री (रसायन, एसिड, एलपीजी) आदि का उपयोग किया जाता है. इस तरह आपातकालीन स्थिति में एक्शन के लिए इंसान एक तरह से तैयार रहता है. यह आपको उस स्थिति के लिए तैयार करता है कि आपातकाल की स्थिति में आप कैसे रिएक्ट करते हैं.
मॉक ड्रिल कई तरह से उपयोगी है:
1) मॉक ड्रिल इस बात का पूरा प्रोसेस है कि आपदा आने पर कैसे प्रतिक्रिया दी जाए.
2) यह संभावित गलतियों और जोखिमों की पहचान करता है.
3)विभिन्न आपदा नियंत्रण विभागों के बीच समन्वय में सुधार करता है.
4) यह दिखाता है कि ऊंची मंजिलों, इमारतों में फंसे लोगों को कैसे बचाया जाए.
5) यह आपदाओं का तुरंत जवाब देने की क्षमता को बढ़ाता है.