केरल भारत का पहला राज्य बन गया है जिसने वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयोग स्थापित करने के लिए एक कानून पारित किया है. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गुरुवार को यह जानकारी दी. मुख्यमंत्री ने बुधवार को पारित इस कानून की सराहना करते हुए कहा कि यह नया आयोग बुजुर्गों के अधिकारों, कल्याण और पुनर्वास पर ध्यान केंद्रित करेगा. उन्होंने कहा कि एलडीएफ सरकार वरिष्ठ नागरिकों को पूरी तरह से अपनाने वाली नीतियां लागू कर रही है. केरल, जो देश में बुजुर्गों के कल्याण में पहले स्थान पर है, इस क्षेत्र में एक और उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है.
सीएम विजयन ने दी जानकारी
सीएम पिनाराई विजयन ने फेसबुक पोस्ट पर लिखा, 'पिछली सरकार के कार्यकाल में शुरू की गई पहलों को मजबूत करने के लिए राज्य अब देश का पहला वरिष्ठ नागरिकों का आयोग स्थापित कर रहा है. इस दिशा में एक कदम के रूप में, केरल विधानसभा ने केरल राज्य वरिष्ठ नागरिक आयोग विधेयक बुधवार को पारित किया.'
उन्होंने कहा कि इस आयोग की स्थापना के साथ, "हम वरिष्ठ नागरिकों की पुनर्वास, सुरक्षा और कल्याण" को अधिक प्रभावी तरीके से सुनिश्चित करने में सक्षम होंगे. यह आयोग बुजुर्गों को होने वाली कठिनाइयों जैसे कि उपेक्षा, शोषण और अकेलेपन, से निपटने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान करने का कार्य करेगा.
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विजयन ने आगे कहा कि यह आयोग न केवल बुजुर्गों के कल्याण को अधिक प्रभावी ढंग से बढ़ाने में एक प्रेरक शक्ति बनेगा, बल्कि यह 'नई केरल' के निर्माण में उनके सक्रिय भागीदार बनने को भी सुनिश्चित करेगा. सीएम ने कहा कि यह राज्य की जिम्मेदारी है कि वह वरिष्ठ नागरिकों की भलाई की रक्षा करे, और सरकार इस कर्तव्य को सर्वोत्तम तरीके से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है.