केरल मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के पूर्व मुख्य सचिव एम. शिवशंकर को राहत मिली है. उन्हें डॉलर स्मगलिंग मामले में 98 दिन बाद जमानत मिल गई है. उन्हें इरनाकुलम एडिशनल सीजेएम कोर्ट से जमानत मिली है.
बर्खास्त किए गए आईएएस अधिकारी को कस्टम विभाग और ईडी के अधिकारियों ने तीन मामलों में गिरफ्तार किया था. उनपर गोल्ड स्मगलिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और डॉलर स्मगलिंग का आरोप है. गोल्ड स्मगलिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उन्हें पहले ही जमानत मिल गई थी. अधिकारियों के मुताबिक डॉलर स्मगलिंग मामले में भी जमानत की शर्तें वही थीं जो गोल्ड स्मगलिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में थी. इरनाकुलम, काक्कनाड जेल से छूटने क के बाद शिवशंकर तिरुवनंतपुरम के लिए रवाना हुए.
शिवशंकर ने कोर्ट में दावा किया था कि डॉलर स्मगलिंग मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं थी और जांच एजेंसियों को भी इस मामले में पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं. उन्होंने कहा कि केवल आरोपियों ने हिरासत में उनका नाम लिया था. इससे ज्यादा उनके खिलाफ सबूत नहीं हैं. शिवशंकर को जमानत देने को लेकर कोर्ट ने दो लाख के बॉन्ड और दो पर्सन ऐस्योरिटिज और अपना पास्पोर्ट सरेंडर करने की शर्त रखी है.
हालांकि कोर्ट ने कहा कि शिवशंकर के खिलाफ लगाए आरोप गंभीर हैं और इनकी गहनता से जांच की जानी चाहिए. कोर्ट ने शिवशंकर को उनके स्वास्थ्य के बिनाह पर जमानत दी. शिवशंकर कैंसर से पीड़ित हैं. हालांकि कस्टम विभाग का कहना है कि स्मगलिंग रैकेट में शिवशंकर की अहम भूमिका है और उनके खिलाफ ठोस सबूत मिले हैं.कस्टम विभाग के मुताबिक शिवशंकर 1.5 करोड़ के डॉलर की तस्करी में संलिप्त थे. शिवशंकर को 28 अक्टूबर,2020 को ईडी ने गिरफ्तार किया था. जनवरी में गोल्ड स्मगलिंग और डॉलर स्मगलिंग के मामले में कस्टम विभाग ने बीते नवंबर में उन्हें गिरफ्तार किया था.