केरल की एक कोर्ट ने शिकायत के आधार पर एक आईपीएस अधिकारी को नोटिस जारी किया है. दरअसल केरल की एक नन के रेप के मामले में कैथोलिक बिशप फ्रैंक मुलक्कल को बरी करने के अदालत के आदेश के संबंध में मीडिया में बयान जारी करने को लेकर नोटिस जारी किया गया है. आरोप है कि इन बयानों से अदालत के अधिकारों को कमतर आंका गया है.
एट्टुमानूर के मजीश के मैथ्यू नाम के एक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर विचार करते हुए अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय I, ने सहायक पुलिस महानिरीक्षक एस हरि शंकर को नोटिस जारी किया है. कोट्टायम के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक हरि शंकर ने रेप मामले में विशेष जांच दल का नेतृत्व किया था. 10 मार्च को जारी आदेश में न्यायाधीश सुजीत के एन ने अधिकारी को 1 अप्रैल, 2023 तक नोटिस का जवाब देने का निर्देश दिया है.
रेप मामले में विशेष जांच दल का नेतृत्व करने वाले हरि शंकर ने नन से रेप के आरोपों से बिशप मुलक्कल को बरी करने के फैसले को 'बहुत, बहुत दुर्भाग्यपूर्ण' और 'अप्राकृतिक' करार दिया था.
अपनी याचिका में मैथ्यू ने अदालत से अपील की कि सेवारत अधिकारी के खिलाफ अवमानना कार्यवाही को केरल उच्च न्यायालय में भेजा जाए. क्योंकि फैसले के बाद विभिन्न मीडिया में उनके बयानों ने अदालत के अधिकार को कम करके दिखाया गया था. अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायालय I कोट्टायम ने 14 जनवरी, 2022 को बिशप को बरी कर दिया था. क्योंकि अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ सबूत पेश करने में विफल रहा. 57 वर्षीय मुलक्कल पर 2014 और 2016 के बीच कई बार नन के साथ रेप करने का आरोप लगाया गया था.