केरल देश का ऐसा पहला और इकलौता राज्य बन गया है, जिसके पास अपनी खुद की इंटरनेट सेवा है. सोमवार को सरकार ने अपने स्वामित्व वाली केरल फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क (K-FON) नाम से सेवा की शुरुआत की है. इसके जरिए पहले चरण में राज्य के 14 हजार परिवारों को मुफ्त में इंटरनेट सेवाएं मिलेंगी. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने ट्वीट किया और कहा, आखिरकार राज्य में प्रत्येक व्यक्ति तक इंटरनेट एक्सेस का सपना साकार हो गया है.
सीएम ने कहा, शुरुआती चरण में राज्य में 14,000 घरों को इंटरनेट कनेक्शन प्रदान किया जाएगा. विजयन ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ विपक्ष पर तंज कसा और कहा, केरल में ऐसे लोग थे जो राज्य में किसी भी तरह के विकास के विरोध में थे. वहीं, विपक्ष ने परियोजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है और केरल फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क (K-FON) के लॉन्च का बहिष्कार किया है.
विपक्ष ने कार्यक्रम को लेकर कसा तंज
कोच्चि में पत्रकारों से बातचीत में विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने तर्क दिया कि विधानसभा में 4 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से इस तरह का कार्यक्रम तक आयोजित किया जा रहा है, जब धन की कमी के कारण राज्य में विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं और पेंशन भुगतान रुके हुए हैं.
'चीन से खरीदे गए हैं ऑप्टिकल फाइबर'
सतीसन ने यह भी आरोप लगाया कि ऑप्टिकल फाइबर भारत में नहीं बनाए गए हैं, बल्कि चीन से खरीदे गए और फिर से ब्रांडेड किए गए. उन्होंने यह भी दावा किया कि परियोजना के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार हुआ है.
'द केरल स्टोरी' पर छिड़े विवाद को लेकर बोले कमल हासन- सिनेमा और राजनीति को एक चश्मे से न देखें
'विकास और प्रगति विरोधी है विपक्ष'
वहीं, सतीसन के आरोपों पर मुख्यमंत्री ने पलटवार किया और कहा, इस तरह के दावे एक मानसिकता का संकेत देते हैं जो राज्य में किसी भी तरह की प्रगति या विकास का विरोध करती है. हालांकि, उनका यह रुख सरकार को नहीं, बल्कि यह राज्य और लोगों को प्रभावित करता है.
'सीएम बोले- BEL से खरीदे गए हैं केबल'
सीएम ने सतीसन के अन्य आरोपों का खंडन किया और दावा किया, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) से केबल खरीदे गए हैं और पेंशन भुगतान और अन्य कल्याणकारी योजनाएं भी प्रभावित नहीं हुई हैं. विजयन ने कहा कि अगर युवाओं को इसका लाभ उठाना है तो बेहतर इंटरनेट सेवाएं हर जगह होनी चाहिए और के-फॉन इसका समाधान है.
महिला ने अपने बच्चों से सेमी न्यूड शरीर पर करवाई पेंटिंग, केरल हाईकोर्ट ने कहा- इसमें अश्लीलता नहीं
'हर किसी तक इंटरनेट एक्सेस होगा'
उन्होंने कहा कि अब इंटरनेट की वजह से कोई नहीं रह पाएगा. जंगल के अंदरूनी हिस्सों में भी कनेक्टिविटी होगी और हर कोई वास्तविक केरल कहानी का हिस्सा बनेगा. बदलती दुनिया के साथ चलने के लिए यूनिवर्सल इंटरनेट एक्सेस जरूरी है और K-FON के जरिए हम केरल को एक ज्ञान अर्थव्यवस्था और नवाचार समाज में बदलने के लिए बुनियादी ढांचा तैयार कर रहे हैं.
'नए केरल के निर्माण को गति मिलेगी'
विजयन ने कहा, इसके माध्यम से हम केरल को ग्लोबल इन्फॉर्मेशन हाइवे से जोड़ेंगे और वैश्विक आयामों के साथ एक नए केरल की नींव रखेंगे. यह राज्य के डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत और कुशल बनाने और ई-गवर्नेंस को सार्वभौमिक बनाने में मदद करेगा. एक नए केरल के निर्माण को गति देगा.
'लोगों को शोषण से किया जा रहा है मुक्त'
उन्होंने कहा, इससे यह सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी कि केरल में कोई डिजिटल डिवाइड नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि वह स्कूली शिक्षा में विशेष रूप से कोविड के दौरान डिजिटल डिवाइड को दूर करे. K-FON कॉरपोरेट द्वारा संचालित दूरसंचार क्षेत्र का एक वैकल्पिक मॉडल है और इसे निजी क्षेत्र के केबल नेटवर्क और मोबाइल सेवा प्रदाताओं के शोषण से लोगों को मुक्त करने के इरादे से लॉन्च किया जा रहा है.
'पूरे केरल में हाई स्पीड और क्वालिटी मिलेगी'
विजयन ने दावा किया कि K-FON सेवाएं अन्य सेवा प्रदाताओं की तुलना में कम दरों पर उपलब्ध होंगी, लेकिन शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बावजूद पूरे केरल में समान हाई स्पीड और क्वालिटी प्रदान करेंगी. लॉन्च के समय घोषित K-FON टैरिफ दरों के अनुसार, सबसे बुनियादी योजना की कीमत 299 रुपये (जीएसटी को छोड़कर) प्रति माह 20 एमबीपीएस की स्पीड और हर महीने 3,000 जीबी की मुफ्त डाउनलोड लिमिट होगी.
क्यों पर्यटकों को लुभाता है 'ईश्वर का अपना देश', केरल के पर्यटन मंत्री ने बताई वजह
'यह प्लान दिए जाएंगे'
K-FON द्वारा दिया जाने वाला highest plan 250 एमबीपीएस की स्पीड के साथ 1,249 रुपये (जीएसटी को छोड़कर) का है और प्रति माह 5,000 जीबी की मुफ्त डाउनलोड लिमिट है. अभी जो भी प्लान पेश कर रहा है, वह छह महीने का एडवांस रेंटल है.
'आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को मिलेगा मुफ्त इंटरनेट'
K-FON वेबसाइट के अनुसार, इसका उद्देश्य सभी सेवा प्रदाताओं के लिए गैर-भेदभावपूर्ण एक्सस के साथ एक कोर नेटवर्क इन्फ्रास्ट्रक्चर (इन्फॉर्मेशन हाइवे) बनाना है ताकि वे अपने कनेक्टिविटी गैप को बढ़ा सकें. वेबसाइट ने कहा कि वह आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों को मुफ्त इंटरनेट प्रदान करने के लिए मल्टी-सिस्टम ऑपरेटरों, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और टीएसपी के साथ साझेदारी करेगी. K-FON परियोजना के तहत, पूरे केरल में 17,280 से ज्यादा सरकारी कार्यालयों को मुफ्त इंटरनेट सेवा कनेक्शन पहले ही दिया जा चुका है, जबकि राज्य सचिवालय और 10 जिला कलेक्ट्रेट पहले से ही इसकी सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं.
'के-फोन का प्रबंधन संभालेगा व्यवस्था'
हाल ही में कंपनी के एमडी ने कहा कि यह परियोजना 1,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की अनुमानित लागत के साथ सरकार और केरल इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट फंड बोर्ड (KIIFB) द्वारा वित्त पोषित है, लेकिन संचालन और प्रबंधन के-फोन ही संभालेगा. उन्होंने यह भी कहा कि K-FON केरल में लगभग 30,000 किलोमीटर फाइबर के साथ सबसे बड़ा इंटरनेट सेवा प्रदाता है, जिसे केरल राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के सहयोग से रखा गया है.
'योजना में 20 लाख परिवारों को मिलेगी इंटरनेट सेवा'
मुख्यमंत्री पी विजयन ने कहा, आखिरकार, केरल ने खुद की इंटरनेट सेवा वाला पहला राज्य बनने का सपना साकार कर लिया है. लोगों को K-FON समर्पित करना गर्व का क्षण था. 20 लाख परिवारों को मुफ्त इंटरनेट कनेक्शन प्रदान किया जाएगा. सभी के लिए इंटरनेट का उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा और डिजिटल डिवाइड की सोच को खत्म करेगा.
केरल: कम्युनिस्ट नेता को 50 लाख की Mini Cooper कार खरीदना पड़ा भारी! जानें पूरा मामला