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केरल:  उफनती नदी और जंगल में पैदल चल कर आदिवासी कोविड मरीजों तक पहुंचे हेल्थ वर्कर्स 

हेल्थ वर्कर्स की टीम में डॉ सुकन्या, हेल्थ इंस्पेक्टर सुनील वासु, जूनियर हेल्थ इंस्पेक्टर साइजू और ड्राइवर सजेश शनिवार सुबह जंगल में आदिवासियों की बस्ती तक पहुंच गए. वहां टीम ने 30 लोगों पर एंटीजन टेस्ट किए. इनमें से 7 कोविड पॉजिटिव निकले. संक्रमित लोगों को पुथुर डॉमिसिलरी केयर सेंटर में शिफ्ट किया गया. 

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टीम के एक साथी के साथ नदी पार करतीं डॉ सुकन्या.
टीम के एक साथी के साथ नदी पार करतीं डॉ सुकन्या.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने टीम को दी बधाई
  • टीम ने 30 लोगों का एंटीजन टेस्ट किया
  • जांच के बाद 7 लोगों के रिजल्ट पॉजिटिव

केरल के त्रिशूर में पुथूर प्राइमरी हेल्थ सेंटर को तत्काल मदद की गुहार करते हुए एक इमरजेंसी कॉल मिली. पलाक्कड जिले के अट्टापादी फॉरेस्ट डिविजन में आदिवासियों की बस्ती में एक परिवार के तीन लोगों को बहुत तेज बुखार था. ये बस्ती जंगल में कुछ किलोमीटर अंदर स्थित थी. वाहनों से बस भवानी नदी के किनारे तक ही पहुंचा जा सकता था.

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ऐसे में हेल्थवर्कर्स के लिए मरीजों तक पहुंचना आसान नहीं था. सारी बाधाओं के बावजूद हेल्थ वर्कर्स के एक ग्रुप ने मरीजों तक पहुंचने का फैसला किया. इसके लिए उन्हें नदी भी पार करनी थी. दरअसल, अट्टापादी फॉरेस्ट डिविजन में मुरुगुला नाम से आदिवासियों की एक छोटी सी बस्ती है. यहां केवल सात परिवारों के 40 लोग रहते हैं. 

हेल्थ वर्कर्स की टीम में डॉ सुकन्या, हेल्थ इंस्पेक्टर सुनील वासु, जूनियर हेल्थ इंस्पेक्टर साइजू और ड्राइवर सजेश शनिवार सुबह जंगल में आदिवासियों की बस्ती तक पहुंच गए. वहां टीम ने 30 लोगों का एंटीजन टेस्ट किया. इनमें से 7 कोविड पॉजिटिव निकले. संक्रमित लोगों को पुथुर डॉमिसिलरी केयर सेंटर में शिफ्ट किया गया. 

डॉ सुकन्या ने आज तक को बताया, “ये हमारे लिए नई बात नहीं थी, हम वहां पहले भी मेडिकल कैम्प्स के लिए जाते रहे हैं. लेकिन इस बार जब हम वहां पहुंचे तो नदी के पानी का स्तर बहुत ऊंचा था. हमारे पास नदी को पैदल पार करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था. इसमें थोड़ा खतरा था, नदी पार करते हुए हमारी टीम से कुछ फिसले भी लेकिन एक दूसरे का हाथ पकड़ कर खुद को संभाले रखा. नदी पार करने के बाद 2 किलोमीटर जंगल के अंदर ट्रैक करना पड़ा.”   

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डॉ सुकन्या पिछले आठ साल से सरकारी जॉब में हैं. पिछले साल पब्लिक सर्विस कमीशन का इम्तिहान पास करने के बाद उन्हें स्थाई नौकरी मिली. डॉ सुकन्या और उनकी टीम के इस कदम की केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने सराहना की है.  

मंत्री ने डॉ सुकन्या को फोन भी किया. डॉ सुकन्या ने कहा, “ये सुखद आश्चर्य था की मंत्री ने फोन किया. मैंने ऐसी कभी उम्मीद नहीं की थी. मंत्री का हमें बधाई देना वास्तव में हमारे काम के लिए बहुत प्रेरणा वाला है और यह हमें जरूरतमंद मरीजों की मदद के लिए और उत्साहित करता है.” 

 

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