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केरल में बढ़ा निपाह वायरस का खतरा, कोझिकोड में अब 17 सितंबर तक स्कूल-कॉलेज बंद

कोझिकोड में दो दिन पहले निपाह से दो लोगों की मौत हुई थी. ये अवकाश आंगनवाड़ी, मदरसा, ट्यूशन केंद्र और शैक्षणिक संस्थानों सहित सभी शैक्षणिक संस्थखानों में घोषित किए गए हैं. इससे पहले 14 और 15 सितंबर को एहतियात के तौर पर छुट्टी घोषित की गई थी. हालांकि, यूनिवर्सिटी और पब्लिक सर्विस कमीशन (पीएससी) की परीक्षाओं की तारीखों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों से ऑनलाइन कक्षाओं का प्रबंध करने को कहा है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. ऐसे में एहतियात के तौर पर राज्य सरकार ने 16 सितंबर तक कोझिकोड में बंद किए गए स्कूलों और कॉलेजों की अवधि बढ़ा दी है. अब स्कूल और कॉलेज 16 सितंबर तक बंद रहेंगे. 

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कोझिकोड में दो दिन पहले निपाह से दो लोगों की मौत हुई थी. ये अवकाश आंगनवाड़ी, मदरसा, ट्यूशन केंद्र और शैक्षणिक संस्थानों सहित सभी शैक्षणिक संस्थखानों में घोषित किए गए हैं. इससे पहले 14 और 15 सितंबर को एहतियात के तौर पर छुट्टी घोषित की गई थी. हालांकि, यूनिवर्सिटी और पब्लिक सर्विस कमीशन (पीएससी) की परीक्षाओं की तारीखों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों से ऑनलाइन कक्षाओं का प्रबंध करने को कहा है.

कोझिकोड के कलेक्टर ने कहा कि इन छुट्टियों को जश्न के मौके के तौर पर नहीं मनाना चाहिए. अनावश्यक की यात्राओं से बचें. सावधानी ही बचाव है. इस बीच केंद्र सरकार की ओर से एक टीम स्थिति का जायजा लेने के लिए कोझिकोड पहुंच गई. 

स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि इस मामले में एक उच्चस्तरीय बैठक कई गई और स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव ने केंद्र की ओर से भेजे गए अधिकारियों के साथ बैठक की. 

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उन्होंने कहा कि इस बैठक में 30 अगस्त को निपाह वायरस से मारे गए व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोगों के सैंपल लेने का फैसला किया गया है. 14 लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है. निजी अस्पतालों में भी कुछ मरीजों को आइसोलेट किया गया है. इनमें से 11 में निपाह वायरस के हल्के लक्षण हैं इसलिए उनके सैंपल लेकर लैब भेजे जा रेह हैं. निपाह से संक्रमित नौ साल के बच्चे की हालत स्थिर है और वह अभी भी वेंटिलेटर पर है. 

कोझिकोड में पहले भी दो बार निपाह फैलने की खबर आ चुकी है. साल 2018 में पहले प्रकोप के दौरान कुल 23 मामलों की पहचान की गई थी और इसकी वजह से 17 लोगों की मौत हुई थी. 

क्या...क्यों...कैसे और इलाज, Nipah Virus से जुड़ी हर जानकारी जानिए 

निपाह वायरस क्या है, कैसे फैलता है? 

निपाह वायरस एक नया वायरस है जो जानवरों के जरिए इंसानों में फैलता है. इसका सबसे पहला मामला मलेशिया में साल 1999 में पाया गया था. इसके बाद सिंगापुर और बांग्लादेश में भी इस वायरस के मामले दर्ज किए गए. ये वायरस चमगादड़ों और सूअर के जरिए इंसानों तक फैलता है. 

वहीं अगर इस वायरस से संक्रमित कोई चमगादड़ या सूअर किसी फल का सेवन करता है, तो उस फल के जरिए भी निपाह वायरस का प्रसार इंसानों में हो सकता है. अगर किसी शख्स की निपाह वायरस की वजह से जान गई, तो उस परिवार के दूसरे सदस्य भी इसकी चपेट में आ सकते हैं. ऐसे में किसी भी निपाह संक्रमित व्यक्ति का अंतिम संस्कार करते समय जरूरत से ज्यादा सावधानी बरतनी होगी. ये वायरस इतना खतरनाक बताया गया है कि इससे किसी की जान भी जा सकती है.

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