केरल के कोझिकोड ट्रेन आगजनी मामले में आरोपी शाहरुख सैफी के खिलाप UAPA लगाया गया है. इस मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने आरोपी के खिलाफ दर्ज एफआईआर में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 16 जोड़ी है.
केरल के कोझिकोड में 2 अप्रैल को अलप्पुझा-कन्नूर एक्जीक्यूटिव एक्सप्रेस के एक कोच में एक शाहरुख सैफी ने यात्रियों के ऊपर ज्वलनशील पदार्थ फेंककर आग लगा दी थी. उस वक्त ट्रेन कोरापुझा पुल पर थी. इस घटना में 9 लोग झुलस गए, जबकि तीन लोगों का मौत हो गई थी.
महाराष्ट्र एटीएस ने इस मामले में महाराष्ट्र के रत्नागिरी से शाहरुख सैफी को गिरफ्तार किया था. वह दिल्ली के शाहीन बाग का रहने वाला है. पुलिस को आशंका है कि उससे ऑनलाइन संपर्क किया गया. इसके बाद उसे काम करने के लिए राजी किया गया. हालांकि, पुलिस पूछताछ में सैफी ने बताया कि उसने अकेले ही इस घटना को अंजाम दिया, लेकिन जांच एजेंसियों को सैफी के इस दावे पर भरोसा नहीं है.
2 अप्रैल की रात की घटना
केरल के कोझिकोड में चलती ट्रेन में यात्रियों पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर आग लगाने का मामला 2 अप्रैल की रात सामने आया था. बताया गया था कि आरोपी का सह यात्रियों से सीट पर बैठने को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद उसने केमिकल से भरी बोतल फेंककर आग लगा दी थी. बोगी में अचानक भड़की आग देखकर एक साल के बच्चे को लेकर सफर कर रही महिला ने चलती ट्रेन से ही छलांग लगा दी थी. पुलिस को बाद में पटरियों से बच्चे और मां के शव के अलावा एक और शख्स की लाश मिली थी. आगजनी के दौरान ट्रेन में सवार 9 लोग भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
घटना के बाद से ही फरार था शाहरुख
इस घटना के बाद से ही शाहरुख फरार हो गया था. पुलिस के मुताबिक, शाहरुख के पिता ने 31 मार्च को दिल्ली के शाहीन बाग पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. केरल पुलिस ने दिल्ली पुलिस से संपर्क कर शाहीन बांग पहुंचकर जांच-पड़ताल की. एक दिन पहले शाहरुख की लोकेशन रत्नागिरी में ट्रेस हुई थी. वह सिर पर लगी चोटों का इलाज कराने के लिए रत्नागिरी सिविल अस्पताल आया था. बताया जा रहा है कि ट्रेन की बोगी को आग लगाने के बाद नीचे उतरते वक्त गिरने के कारण वह घायल हो गया था. हालांकि, शाहरुख इलाज कराए बिना ही अस्पताल से भाग गया.