केरल के त्रिकक्कारा में सेना के एक अधिकारी पर हमला करने के आरोप में सोमवार को पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. ये घटना पिछले हफ्ते केएमएम कॉलेज में एनसीसी कैडेटों के लिए आयोजित शिविर के दौरान हुई थी.
पुलिस ने बताया कि पिछले हफ्ते त्रिक्काकारा में एनसीसी कैडेटों के लिए आयोजित एक शिविर में सेना एक अधिकारी पर हमला करने के आरोप में सोमवार को दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों की पहचान फोर्ट कोच्चि के मूल निवासी निशाद और पल्लूरुथी के नवास के रूप में की गई है. दोनों ने कथित तौर पर केएमएम कॉलेज में आयोजित एनसीसी कैडेट कैंप में 21 केरल एनसीसी बटालियन के प्रशासनिक अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल कर्णेयिल सिंह पर हमला किया.
'पहचान के बाद दोनों आरोपियों को किया गिरफ्तार'
एक शीर्ष पुलिस अधिकारी के अनुसार, आरोपियों को उनके आवास से हिरासत में लिया गया और एनसीसी अधिकारियों द्वारा उनकी पहचान करने के बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया है. इससे पहले त्रिक्काकारा पुलिस ने सेना अधिकारी पर हमला करने के आरोप में दो व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. पुलिस ने बताया कि अधिकारी की शिकायत के बाद मामला दर्ज किया गया था.
23 दिसंबर की है घटना
यह घटना 23 दिसंबर की रात कथित तौर पर 60 से अधिक कैडेटों के संदिग्ध खाने में जहर से पीड़ित होने के बाद तनाव के बीच हुई. 24 दिसंबर की एफआईआर में कहा गया है कि आरोपियों को केवल दो पहचान योग्य व्यक्तियों के रूप में नामित किया गया था, जिन्होंने कैंप की मेजबानी करने वाले कॉलेज में घुसपैठ की, रोका, धमकी दी और फिर रात 11.30 बजे के आसपास कैंप कमांडेंट लेफ्टिनेंट कर्नल कर्णेयिल सिंह पर हमला किया.
'आरोपी ने धारदार हथियार से किया वार'
FIR में कहा गया है कि पहले आरोपी ने कथित तौर पर अधिकारी के गाल, गर्दन और पीठ पर किसी धारदार वस्तु से वार किया, जिससे उन्हें आधिकारिक जिम्मेदारियों के निर्वहन में बाधा उत्पन्न हुई.
यह हमला तब हुआ जब अधिकारी कॉलेज में 21 केरल बटालियन एनसीसी द्वारा आयोजित संयुक्त वार्षिक प्रशिक्षण शिविर (सीएटीसी) के कैंप कमांडेंट के रूप में कार्यरत थे.
आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए, जिनमें 329(3) (आपराधिक अतिक्रमण), 126(2) (गलत तरीके से रोकना), 351(2) (आपराधिक धमकी), और 115(2) ( स्वेच्छा से चोट पहुंचाना).
अन्य आरोपों में 118(1) (खतरनाक तरीकों से चोट या गंभीर चोट पहुंचाना), 121(1) (चोट पहुंचाकर किसी लोक सेवक को कर्तव्य से हतोत्साहित करना), और 3(5) (सामान्य इरादे से किए गए आपराधिक कृत्य) शामिल हैं.