Weather Update: मॉनसून की शुरुआत के बाद से ही केरल में भारी बारिश हो रही है. राज्य के तीन जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि आठ जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी है. मौसम विभाग (IMD) लगभग रोजाना ही केरल में भारी बारिश को लेकर चेतावनी जारी कर रहा है. मौसम विभाग के अनुसार, कोट्टायम, इडुक्की और एर्नाकुलम में रेड अलर्ट जारी है, जबकि तिरुवनंतपुरम, कोल्लम और कासरगोड को छोड़कर बाकी सभी जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. भारी बारिश की वजह से राज्य में बहने वालीं नदियां उफान पर हैं.
इस बीच, बुधवार को कोच्चि में स्थित अलुवा महादेव मंदिर पेरियर नदी का जलस्तर बढ़ने की वजह से आधा जलमग्न हो गया. भारी बारिश के चलते पिछले कुछ दिनों में पेरियर नदी का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ा है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने वीडियो जारी किया है, जिसमें मंदिर आधे से ज्यादा नदी में डूबा हुआ दिख रहा है.
रविवार से केरल में बारिश से जुड़ी घटनाओं के चलते 12 लोगों की जान जा चुकी है. भारी बारिश की वजह से केरल के दस जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि बाकी के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी है. वहीं, बारिश की वजह से कासरगोड के चुल्ली इलाके में लैंडस्लाइड हो गई. हालांकि, राहत की बात यह रही कि इससे किसी की जान नहीं गई.
#WATCH | Aluva Mahadeva Temple in Kerala's Kochi submerged as the water level of Periyar River increased following incessant rainfall. pic.twitter.com/l3b6Jg92Rk
— ANI (@ANI) August 3, 2022
बता दें कि रेड अलर्ट जब जारी किया जाता है तो उसका मतलब होता है कि 24 घंटे में 20 सेंटीमीटर से ज्यादा बारिश होगी, जबकि ऑरेंज अलर्ट का मतलब होता है 6 सेंटीमीटर से 20 सेंटीमीटर के बीच बरसात होगी. वहीं, येलो अलर्ट का मतलब छह सेंटीमीटर से 11 सेंटीमीटर के बीच बारिश का होता है.
इस बीच, राज्य सरकार ने जानकारी दी है कि विभिन्न जिलों में 166 रिलीफ कैंप्स बनाए गए हैं, जहां 4,639 लोगों को सुरक्षित रखा गया है. इससे पहले, राज्य के राजस्व मंत्री के राजन ने कहा कि लोगों को 'बाढ़ पर्यटन' की बढ़ती प्रवृत्ति के हिस्से के रूप में बाढ़ या बाढ़ वाले क्षेत्रों में जाने से सख्ती से बचना चाहिए और चेतावनी दी कि ऐसे व्यक्तियों को हटाने के लिए पुलिस का इस्तेमाल किया जाएगा.
#WATCH | Road damaged, bridge inundated in Balal village of Kasargod due to heavy rainfall in the region#Kerala pic.twitter.com/BgMsBBLhFh
— ANI (@ANI) August 3, 2022
पथानामथिट्टा में पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि लोगों में बाढ़ वाले क्षेत्रों का दौरा करने और वहां के पानी में प्रवेश करने या मछली पकड़ने की कोशिश करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है और इससे बचा जाना चाहिए क्योंकि इससे राहत और बचाव का कार्य करने वाले अधिकारियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है.
उन्होंने मंगलवार सुबह एक हाथी के चालकुडी नदी में घंटों फंसे रहने का उदाहरण भी दिया, जिसकी खबरों के कारण बड़ी संख्या में लोग उस स्थान पर पहुंचे और स्थानीय अधिकारियों के लिए परेशानी खड़ी कर दी. उन्होंने कहा, "बाढ़ वाले इलाकों में इस तरह की गतिविधियों की बिल्कुल भी इजाजत नहीं दी जाएगी और अगर जरूरत पड़ी तो ऐसे लोगों को हटाने के लिए पुलिस की मदद ली जाएगी."