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आत्मा कैसी दिखती है... एक सवाल और खत्म हो गईं 4 जिंदगियां, केरल हत्याकांड की Inside Story

कहानी केरल के उस युवक की जिसकी एक सनक ने चार लोगों की जान ले ली. उसे अपने एक सवाल का जवाब चाहिए था. उस जवाब को पाने के लिए उसने अपने ही घर के चार लोगों को बेरहमी से मार डाला. आखिर क्या थी ये पूरी घटना जिसे जानकर न केवल केरल राज्य, बल्कि पूरे देश में सनसनी मच गई थी. चलिए जानते हैं विस्तार से नाथनकोड हत्याकांड की इनसाइड स्टोरी...

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केडल जीनसन राजा (फाइल फोटो)
केडल जीनसन राजा (फाइल फोटो)

तारीख, 9 अप्रैल 2017... जगह केरल (Kerala) के तिरुवनंतपुरम का नंथनकोड (Nanthancode) इलाका... यहां रिटायर्ड प्रोफेसर ए राजा थंकम (60)  अपने परिवार के साथ रहते थे. परिवार में उनकी पत्नी डॉक्टर जीन पद्मा (58), बेटा केडल जीनसन राजा (30), बेटी कैरोलिन (26) और एक रिश्तेदार ललिता (70) रहती थीं. 

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पिता राजा थंकम ने दोनों बच्चों को डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया भेजा. कैरोलिन कुछ समय पहले ही अपनी पढ़ाई पूरी करके वापस आ गई. जबकि, केडल (Cadell Jeanson Raja) अपनी बहन के बाद ऑस्ट्रेलिया गया था. इसलिए वो वहां रहकर पढ़ाई करता रहा. वहां पढ़ाई के दौरान वह शिजोफ्रेनिया (schizophrenia) जो कि एक प्रकार का मानसिक विकार होता है, उसका शिकार हो गया.

उसकी रूचि इस चीज में भी ज्यादा बढ़ने लगी कि आखिर आत्मा कैसी दिखती है. हमारा शरीर आत्मा के साथ कैसे काम करता है. मौत होते ही क्या हम आत्मा को देख सकते हैं. इस तरह के कई सवालों के बारे में वह जानने की दिलचस्पी रखने लगा. वह इन सवालों को लेकर इतना आतुर हो गया था कि उसने अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना ही छोड़ दिया. बस इस सवाल की तलाश में रहने लगा कि आखिर आत्मा दिखती कैसी है? वह दिन रात इसी पर रिसर्च करने में लगा रहता.

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जैसे-तैसे उसने अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी की और वापस केरल आ गया. फिर यहां आकर भी आत्मा से संबंधित सवालों को लेकर वह रिसर्च में लगा रहा. घर वालों से भी इतना बातचीत नहीं करता. न तो वो बाहर जाता और न ही अपने कमरे में किसी को आने देता. उसने अपने आपको एक कमरे में बंद सा कर लिया था. बस दिन भर किताबों में यही सवाल ढूंढता रहता कि आखिर आत्मा दिखती कैसी है?

कैडल की मानसिक स्थिति को देखते हुए उसे दो बार मनोरोग विशेषज्ञ के पास भी ले जाया गया. वहां भी वो बस उन्हीं बातों को लेकर डॉक्टर से सवाल करने लगा. उसका ट्रीटमेंट चला लेकिन उसका भी केडल पर कोई असर नहीं हुआ. घर वालों ने सोचा कि हो सकता है समय बीतने के साथ-साथ उसका ये पागलपन भी दूर हो जाए.

दिन बीतते गए और वह यूं ही घर में बैठे-बैठे बस पैरानॉर्मल एक्टिविटी और आत्मा के बारे में रिसर्च करता रहा. फिर उसने एक ऐसा निर्णय लिया जिसे सुनकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएं. उसने सोचा कि अगर मैं किसी को अपनी आंखों के सामने मार डालूं तो हो सकता है मैं शरीर से बाहर आत्मा को निकलता देख सकूं. इसके लिए उसने किसी का मर्डर करने का प्लान बना डाला. 

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फिर केडल का पहला शिकार बनी उसकी मां. 6 अप्रैल 2017 के दिन घर पर सिर्फ केडल, उसकी मां जीन पद्मा और आंटी ललिता थे. केडल सबसे पहले अपनी मां के कमरे में गया. वहां उसने देखा कि मां बेड पर लेटी हुई हैं. केडल ने मां को तेजधार हथियार से मारना शुरू कर दिया. मां उसके सामने गिड़गिड़ाती है कि वो ऐसा न करे. लेकिन केडल के सिर पर तो भूत सवार था. उसे बस आत्मा देखनी थी. इसलिए वो मां पर हमला करता रहा.

चीख-पुकार सुनकर दूसरे कमरे से आंटा ललिता भी वहां आ गईं. कमरे का मंजर देख वह दंग रह गईं. तभी उनके मुंह से चीख निकली. केडल ने पीछे मुड़कर पहले उन्हें देखा फिर अपनी मां को देखा. तब तक मां की मौत हो गई थी. केडल को लगा कि हो सकता है जब वो पीछे की तरफ मुड़ा तब तक उसकी मां की आत्मा निकल गई होगी. इसलिए वो फिर अपनी आंटी की तरफ बढ़ने लगा. उसने फिर उन्हें भी उसी तरह मार डाला. लेकिन तब भी उसे आत्मा दिखाई नहीं दी.

मां और आंटी के बाद पिता-बहन को भी मार डाला

यूं ही तीन से चार घंटे बीत गए. केडल वहां बैठकर यही सोचता रहा कि आखिर उसे आत्मा दिखाई क्यों नहीं दी. इसी बीच केडल के पिता राजा थंकम और बहन कैरोलिन भी घर पर आ गईं. दोनों ने अंदर का नजारा देखा तो वे सन्न रह गए. केडल को तब भी कोई फर्क नहीं पड़ा. उसने फिर आत्मा देखने के चक्कर में अपने ही पिता पर तेजधार हथियार से हमला कर दिया. लेकिन उसे फिर भी आत्मा नहीं दिखी तो उसने इसी तरह अपनी बहन को भी मार डाला. लेकिन अफसोस इस बार भी वही हुआ. केडल को आत्मा नजर नहीं आई.

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वह यूं ही तीन दिन तक फिर उन लाशों के साथ उस घर में बैठा रहा. दरअसल, उसे लग रहा था कि शायद आत्मा अभी भी उन चारों के शरीर में ही है. इसलिए वह तीन दिन तक लाशों के साथ बैठा रहा. लेकिन तीन दिन बाद यानि 9 अप्रैल को जब लाशों से बदबू आने लगी तो केडल को घबराहट होने लगी. उसने सोचा कि कहीं वो फंस न जाए. इसलिए उसने लाशों के छोटे-छोटे टुकड़े किए. फिर पूरे घर में आग लगा दी. उसके बाद खुद मौके से फरार हो गया.

इंसानी मांस के जले हुए टुकड़े मिले

आग देखते ही पड़ोस के लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने आकर जांच की तो पाया कि घर के अंदर इंसानी मांस के टुकड़े जले हुए हैं. पुलिस ने सोचा कि अगर घर के लोग जले होते तो इस तरह उनके टुकड़े नहीं हुए होते. जले हुए इंसानी मांस के टुकड़ों को जांच के लिए भिजवाया गया. पता चल गया कि शव किसके थे और ये कोई जलने के कारण नहीं मरे हैं. बल्कि, उनका पहले ही मर्डर हो चुका है. यह सुनते ही पुलिस के भी होश उड़ गए. पड़ोसियों ने बताया कि परिवार में कौन-कौन था. पुलिस ने पाया कि सिर्फ एक मेंबर यहां से लापता है और वो है केडल.

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पुलिस के सामने हंसता रहा आरोपी

पड़ोसियों ने पुलिस को उसकी अजीबोगरीब हरकतों के बारे में भी बताया. कि कैसे वो किसी से बात नहीं करता था और उसका बर्ताव भी काफी अजीब था. पुलिस के शक की सुई सीधे केडल पर जा घिरी. पुलिस ने टीमों का गठन किया और जल्द ही केडल को गिरफ्तार भी कर लिया. केडल ने गिरफ्तार होते ही सब कुछ कबूल कर लिया. हैरानी की बात ये थी कि केडल को अपने किए पर कोई पछतावा नहीं था. वो तब भी यही कह रहा था कि उसे सिर्फ आत्मा देखनी थी. वो लगातार मुसकुरा रहा था. पुलिस ने फिर उसे कोर्ट में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया.

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