एक गैर हिंदू डांसर को केरल (Thrissur Kerala) के इरिंजालकुडा के प्रसिद्ध कुडलमानिक्यम मंदिर में आगामी उत्सव पर परफॉर्म करने की अनुमति नहीं दी गई. भरतनाट्यम डांसर और शास्त्रीय नृत्य में PHD शोधार्थी डांसर मानसिया वीपी ने सोमवार को फेसबुक पर दर्द बयां किया. उन्होंने कहा कि मंदिर प्रशासन ने कार्यक्रम नोटिस में उनका नाम छापने के बावजूद उन्हें परफार्म की अनुमति नहीं दी.
एजेंसी के अनुसार, मंदिर प्रशासन ने कहा कि मानसिया वीपी को प्रदर्शन के लिए नहीं बुलाया है, क्योंकि मंदिर की परंपरा किसी गैर-हिंदू को परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं देती है. मुस्लिम मूल की महिला मानसिया वीपी को मंदिर की ओर से 15 से 25 अप्रैल तक होने वाले 10 दिवसीय राष्ट्रीय नृत्य और संगीत समारोह में प्रस्तुति देनी थी. उत्सव के दौरान मंदिर में लगभग 800 कलाकारों की प्रस्तुति होनी है.
फोन पर मानसिया को दी गई जानकारी
वहीं डांसर मानसिया वीपी ने कहा कि आयोजकों ने मुझे फोन किया और कहा कि मैं परफॉर्म नहीं कर सकती. वजह पूछने पर उन्होंने कहा कि मंदिर में गैर-हिंदुओं को प्रवेश की अनुमति नहीं है. इस पर मैंने कहा कि यह एक राष्ट्रीय नृत्य उत्सव है. मैंने यह भी कहा कि मैं एक इंसान हूं'.
संगीतकार श्याम कल्याण से मानसिया ने की है शादी
मानसिया ने कहा कि भले ही मैं एक मुस्लिम समुदाय में जन्मी हूं, लेकिन मैं हूं तो एक इंसान. उन्होंने कहा कि मुझसे पूछा गया कि क्या मैंने हिंदू धर्म अपना लिया है, क्योंकि मैंने एक हिंदू से शादी की है. बता दें कि मानसिया ने संगीतकार श्याम कल्याण से शादी की है. शास्त्रीय नृत्यांगना ने अधिकारी से कहा कि वह मंदिर में पूजा करने नहीं, बल्कि भरतनाट्यम करने आ रही हैंं. मानसिया ने कहा कि मैंने कई जगहों पर कार्यक्रम किया है और उनमें से ज्यादातर मंदिर थे.
मंदिर प्रशासन ने कहा- हम उनका सम्मान करते हैं, लेकिन परंपरा के तहत लिया निर्णय
वहीं कूडलमनिक्यम देवस्वम के अध्यक्ष प्रदीप मेनन ने कहा कि यह निर्णय मंदिर की परंपरा के अनुरूप हुआ है. चूंकि कार्यक्रम मंदिर परिसर के अंदर हो रहा है, इसलिए मंदिर की परंपरा का पालन करते हुए निर्णय लिया गया. मौजूदा मंदिर परंपरा के अनुसार, गैर-हिंदुओं को प्रवेश की अनुमति नहीं है. यहां तक कि कार्यक्रम के विज्ञापन में भी स्पष्ट रूप से कहा गया है कि केवल हिंदू ही मंदिर में परफॉर्म करने के लिए आवेदन करें.
उन्होंने कहा कि मंदिर के अधिकारी कलाकार का सम्मान करते हैं, लेकिन उन्हें भी परंपरा का पालन करना होता है. मेनन ने कहा कि हम उनका बहुत सम्मान करते हैं. वह एक महान कलाकार हैं, लेकिन हमें मंदिर की परंपरा का पालन करने की जरूरत है. इससे पहले मानसिया को इस्लामी समुदाय से परेशानियों का सामना करना पड़ा था, जब उन्होंने और उनकी बहन ने शास्त्रीय नृत्य सीखा था.