scorecardresearch
 

वायनाड लैंडस्लाइड में अब तक 106 लोगों ने गंवाई जान, जान पर खेलकर रेस्क्यू में लगी सेना और NDRF

ऐसी तबाही केरल के वायनाड ने पहले शायद ही देखी है. यकीन करना मुश्किल है कि कल तक जहां हरियाली ही हरियाली थी, वहां मलबा ही मलबा नजर आ रहा है. जहां बस्तियां हुआ करती थीं, वहां अब सिर्फ तबाही का मंजर है. बारिश के बाद खिसकी जमीन के साथ दफ्न हुए मकानों के मलबे हैं. वायनाड में आई कुदरत की तबाही की रणभूमि में बचाव की मुहिम में देश की तीनों सेनाएं उतर चुकी हैं. तीनों सेनाएं राहत और बचाव के काम में जुट गई हैं.

Advertisement
X
केरल के वायनाड जिले के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के बाद बचाव अभियान जारी है
केरल के वायनाड जिले के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के बाद बचाव अभियान जारी है

केरल के वायनाड जिले में भयानक त्रासदी हुई है. जोरदार बारिश के बाद हुए भूस्खलन में वायनाड के मेपाड्डी, मुंडक्कल और चूरलमाला इलाके के कई मकान मलबें में दब गए. मरने वालों की तादाद 100 के पार पहुंच चुकी है और हर गुजरते घंटे के साथ लगातार बढ़ती जा रही है. हालात इतने मुश्किल भरे हैं कि राहत बचाव के लिए सेना के जवानों की तैनाती करनी पड़ी है. केरल सरकार ने इस त्रासदी के बाद दो दिन के शोक की घोषणा की है. मलबे में कई लोग अब भी दबे हैं. उनकी तलाश के लिए ड्रोन और खोजी डॉग स्क्वॉड की मदद भी ली जा रही है. 

Advertisement

दरअसल, ऐसी तबाही केरल के वायनाड ने पहले शायद ही देखी है. यकीन करना मुश्किल है कि कल तक जहां हरियाली ही हरियाली थी, वहां मलबा ही मलबा नजर आ रहा है. जहां बस्तियां हुआ करती थीं, वहां अब सिर्फ तबाही का मंजर है. बारिश के बाद खिसकी जमीन के साथ दफ्न हुए मकानों के मलबे हैं. वायनाड में आई कुदरत की तबाही की रणभूमि में बचाव की मुहिम में देश की तीनों सेनाएं उतर चुकी हैं. तीनों सेनाएं राहत और बचाव के काम में जुट गई हैं. भारतीय वायुसेना ने राज्य सरकार और एनडीआरएफ अधिकारियों की मदद के लिए वायनाड में बचाव और राहत कार्यों के लिए एक MI-17 और ALH ध्रुव हेलिकॉप्टर तैनात किए हैं. सेना और नौसेना के गोताखोर भी बचाव के काम में शामिल हैं.

Wayanad Landslide, Kerala

हेलीकॉप्टर से भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रही सेना

Advertisement

जानकारी के मुताबिक राहत बचाव अभियान के लिए पहले से ही तैनात लगभग 225 कर्मियों की कुल क्षमता वाली चार टुकड़ियों के अलावा, लगभग 140 कर्मियों की क्षमता वाली दो और टुकड़ियां तिरुवनंतपुरम में स्टैंडबाय पर हैं, जिन्हें जरूरत पड़ने पर तुरंत हवाई मार्ग से भेजा जाएगा. सेना एचएडीआर प्रयासों के समन्वय के लिए कोझिकोड में एक कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर स्थापित कर रही है. प्रभावित क्षेत्र की हेलीकॉप्टर से जांच की जा रही है और बचाव अभियान को सही दिशा में ले जाने के लिए नुकसान का आकलन किया जा रहा है. सेना द्वारा अभियान में ब्रिजिंग संसाधन शामिल किए जा रहे हैं. सड़क मार्ग से बैंगलोर से और हवाई मार्ग से दिल्ली से लाया जाएगा. 

Wayanad Landslide, Kerala

सेना के अलावा NDRF और दमकल विभाग आदि भी जुटे

बता दें कि वायनाड में भूस्खलन के बाद हालात ऐसे हुए कि नदियों तक ने रास्ता बदल लिया. पहाड़ से उतरती नदियों की प्रचंड धारा बस्तियों की ओर मुड़ी तो रिहाइश में कहर बरपाती चली गई. स्थानीय लोग बताते हैं कि वायनाड में आसमानी कहर का ये दौर दो बार आया. एक बार दो बजे रात में चूरलमाला इलाके में लैंडस्लाइड हुआ, जिसमें दर्जनों मकान, वाहन, दुकान सब तबाह हो गए. बचाव कार्य में सिविल डिफेंस, पुलिस, दमकल विभाग, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के करीब 250 जवान राहत बचाव में जुटे हैं. 

Advertisement

Wayanad Landslide, Kerala

सेना ने टेरिटोरियल आर्मी की 122 इन्फेंट्री बटालियन मद्रास के सेकेंड-इन-कमांड के नेतृत्व में 43 कर्मियों की एक टीम राहत और बचाव में तैनात है. टीम में एक चिकित्सा अधिकारी, दो जूनियर कमीशंड अधिकारी और 40 सैनिक शामिल हैं, जो प्रभावित क्षेत्र में मदद के लिए साजो-सामान से लैस हैं. वहीं कन्नूर के रक्षा सुरक्षा कोर यानी DSC केंद्र से लगभग 200 सैनिकों की संख्या में भारतीय सेना की दो बचाव टुकड़ियां कन्नूर के सैन्य अस्पताल की चिकित्सा टीम और कोझिकोड से प्रादेशिक सेना की टुकड़ियों के साथ तैनात हैं. 

मुंडाकाई में 15 घंटे बाद शुरु हो सका रेस्क्यू

वायनाड के चूरलमाला इलाके में तो सुबह ही राहत बचाव शुरू हो गया था, लेकिन मुंडाकाई इलाके में सुबह सुबह कोई पहुंच भी नहीं पाया क्योंकि वहां जाने वाले रास्ते में रोड ब्रिज सब तबाह हो चुके थे. करीब 15 घंटे बाद यहां अस्थाई पुल बनाकर राहत बचाव कार्य शुरू किया जा सका. मुंडाकाई गांव से करीब 150 लोगों को बचाया गया है, उन्हें चिकित्सा सहायता प्रदान की गई है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. कीचड़ और मलबे में दबे लोगों की तलाश के लिए खुजी कुत्तों की टीमें लगाई गई हैं. 

Live TV

Advertisement
Advertisement