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2004 में राजनीति में एंट्री, BJP में बड़े पदों पर किया काम... केंद्र में फिर मंत्री बने किरेन रिजिजू

किरेन रिजिजू का राजनीतिक जीवन काफी शानदार रहा है. वह चौथी बार सांसद चुनकर आए हैं और केंद्र में मंत्री बनाए गए हैं. उन्हें इस बार संसदीय कार्य मंत्री और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री के रूप में अहम जिम्मेदारी दी गई है. 2014 से वह लगातार लोकसभा का चुनाव जीत रहे हैं. उन्होंने देश के कानून मंत्री तक के रूप में काम किया है. देखें, रिजिजू का राजनीतिक करियर.

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किरेन रिजिजू
किरेन रिजिजू

किरेन रिजिजू को मोदी 3.0 में मंत्री बनाया गया है. उन्होंने इसके लिए आज शपथ ली. वह अरुणाचल प्रदेश की पश्चिम सीट से सांसद हैं. इस लोकसभा चुनाव में एक लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल की है. उन्हें इस बार संसदीय कार्य मंत्री और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री के रूप में अहम जिम्मेदारी दी गई है. मोदी कैबिनेट में वह 2014 से बने हुए हैं और प्रधानमंत्री की 'Look East Policy' की एक मजबूत कड़ी माने जाते हैं. पढ़ें, किरेन रिजिजू का राजनीतिक करियर.

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किरेन रिजिजू का जन्म 19 नवंबर, 1971 को अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में हुआ था. वह एक मजबूत राजनीतिक विरासत वाले परिवार से आते हैं, क्योंकि उनके पिता अरुणाचल के पहले प्रो-टर्म स्पीकर थे, जिन्होंने पहली राज्य विधानसभा के सदस्यों को शपथ दिलाई थी.

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रिजिजू अपने स्कूल के दिनों से ही एक सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता रहे हैं. उन्होंने कई सामाजिक आंदोलनों का नेतृत्व किया है और छात्र नेता के रूप में भी काम किया. 14वीं लोकसभा में अपने कार्यकाल के दौरान, रिजिजू को अपनी मजबूत चर्चाओं के लिए उनके प्रदर्शन के आधार पर टॉप पांच विपक्षी नेताओं में गिना जाता था. उन्हें विभिन्न नेशनल न्यूज एजेंसियां और मैगजींस ने 'Youth MP' के रूप में भी मान्यता दी.

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किरेन रिजिजू का राजनीतिक सफर

किरेन रिजिजू की राजनीतिक यात्रा 2004 में शुरू हुई जब वह पहली बार बीजेपी की टिकट पर अरुणाचल पश्चिम लोकसभा सीट से 14वीं लोकसभा के लिए चुने गए. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में खूब काम किया और बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता के लिए पहचान बनाई.

किरेन रिजिजू 2009 का लोकसभा चुनाव हार गए और बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए. तब उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री दोरजी खांडू के सलाहकार के रूप में काम किया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में उनकी वापसी से उनके राजनीतिक जीवन का एक नया दौर शुरू हुआ. उन्होंने 2014 में लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.

किरेन रिजिजू ने नरेंद्र मोदी के 'Look East Policy' को मजबूती दी और इस नीति को मजबूती देने की दिशा में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरे. 2019 के लोकसभा चुनाव में फिर से चुनाव जीत कर संसद पहुंचे.

किरेन रिजिजू का संसदीय सफर

किरेन रिजिजू ने अपने राजनीतिक करियर के दौरान कई प्रमुख पदों पर काम किया है. कम उम्र में वह बीजेपी में राष्ट्रीय सचिव जैसे उच्च पदों पर रहे. अपने संसदीय यात्रा के दौरान रिजिजू ने कई अहम सरकारी पदों पर काम किया. वह स्वतंत्र प्रभार के साथ युवा मामले और खेल राज्य मंत्री), अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री और गृह मामलों के राज्य मंत्री का भी पदभार संभाला. 

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किरेन रिजिजू 2021 में कानून मंत्री बनाए गए और मई 2023 तक इस पद पर काम किया. कानून मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, रिजिजू जजों की नियुक्ति और अदालतों की जवाबदेही सहित कई मुद्दों पर न्यायपालिका के साथ एक तरह से टकराते नजर आए.

रिजिजू जजों की नियुक्ति के लिए बने कॉलेजियम सिस्टम के बड़े विरोधी के रूप में उभरे और इस प्रक्रिया में सरकार की और भी ज्यादा भागीदारी की वकालत की. उन्होंने कॉलेजियम सिस्टम को 'एलियन' करार दिया था, जिसपर कानून महकमे से कड़ी प्रतिक्रिया भी मिली.

2024 के लोकसभा चुनाव में जीत

2024 के लोकसभा चुनाव में, किरेन रिजिजू एक बार फिर अरुणाचल पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की है. उन्होंने कुल 205,417 वोट हासिल किए और कांग्रेस पार्टी के नाबा तुकी को 1,00,738 वोटों के अंतर से हराया.

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