मोदी सरकार ने गुरुवार को बड़ा फेरबदल कर दिया. उसने किरेन रिजिजू की जगह अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्री बना दिया. पीएम नरेंद्र मोदी की सलाह पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंत्रिमंडल में बदलाव को मंजूरी दी है. वहीं सरकार का यह फैसला सामने आने के बाद किरेन रिजिजू ने ट्वीट किया.
उन्होंने लिखा- पीएम नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री के रूप में सेवा करना एक गौरव और सम्मान की बात रही है. मैं इस देश के नागिरकों को आसानी से न्याय दिलाने और कानूनी सेवाएं प्रदान करने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, सर्वोच्च न्यायालय के सभी न्यायाधीशों, मुख्य न्यायाधीशों और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों, निचली न्यायपालिका और पूरे कानून अधिकारियों को धन्यवाद देता हूं. मैं पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में पीएम नरेंद्र मोदी के विजन को उसी जोश के साथ पूरा करने के लिए तत्पर हूं, जिसे मैंने बीजेपी के एक विनम्र कार्यकर्ता के रूप में आत्मसात किया है.
किरेण रिजिजू अरुणाचल पश्चिम लोकसभा सीट से सांसद बीजेपी सांसद हैं. उन्हें जुलाई 2021 में जब कैबिनेट विस्तार के दौरान उन्हें कानून मंत्री बनाया गया था. उन्होंने रविशंकर प्रसाद की जगह यह जिम्मेदारी दी गई थी. इससे पहले वह गृह राज्य मंत्री और खेल मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे. उन्होंने 2004 में पहली बार लोकसभा चुनाव (अरुणाचल पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र) लड़कर जीत हासिल की थी. वह 2009 का लोकसभा चुनाव में हार गए थे. 2014 के चुनाव में रिजिजू फिर जीते. तब उन्हें गृह राज्य मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई फिर 2019 में खेल मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाए गए.
किरेन रिजिजू पिछले साल से कॉलेजियम प्रणाली को लेकर लगातार न्यायपालिका पर हमलावर थे. उन्होंने कई मौकों जजों की नियुक्ति में पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए थे.
रिजिजू ने पिछले साल नंवबर में कहा था कि जजों की नियुक्ति का कॉलेजियम सिस्टम संविधान के लिए एलियन है. उन्होंने कहा था कि कॉलेजियम सिस्टम में कई खामियां हैं और लोग इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. बाद में उन्होंने कहा था कि रिटायर्ड जज और ऐक्टिविस्ट भारत विरोधी गिरोह का हिस्सा हैं.
पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने रिजिजू की टिप्पणियों पर नाराजगी भी जताई थी. बेंच ने कहा था कि शायद सरकार जजों की नियुक्ति को इसलिए मंजूरी नहीं दे रही क्योंकि एनजेएसी को मंजूरी नहीं दी गई.
किरेन रिजिजू द्वारा सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम सिस्टम की आलोचना करने पर 90 रिटायर्ड अफसरों ने उनका विरोध भी किया था. उन्होंने उन्हें पत्र में लिखकर कहा था कि कानून मंत्री ने कई मौकों पर जजों की नियुक्ति के कॉलेजियम सिस्टम और न्यायिक स्वतंत्रता पर ऐसे बयान दिए, जो सुप्रीम कोर्ट पर हमला लगते हैं.