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आखिरकार मान गए किसान! सरकार के प्रस्ताव को किया स्वीकार, कल 12 बजे होगी बैठक

बताया जा रहा है कि एसकेएम कल दोपहर बारह बजे सिंघु मोर्चा पर फिर से बैठक करेगा और उसके बाद मोर्चों को हटाने के लिए औपचारिक फैसला करेगा.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कल संयुक्त किसान मोर्चा भी बैठक करेगा
  • सरकार ने तत्काल केस वापसी की बात कही

कृषि कानूनों के वापस होने के बाद भी किसानों का आंदोलन जारी है. हालांकि इसी बीच किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को मान लिया है. जानकारी के मुताबिक अब कल दोपहर 12 बजे फिर किसान मुलाकात करेंगे. बताया जा रहा है कि सरकार ने तत्काल केस वापसी की बात कही है. ऐसे में अब कल यानी कि गुरुवार को SKM की बैठक तय हुई है. 

SKM की तरफ से जारी की गयी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, संयुक्त किसान मोर्चा ने भारत सरकार से एक संशोधित मसौदा प्रस्ताव प्राप्त करने की पुष्टि की है और प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए एसकेएम के भीतर एक आम सहमति बन गई है. अब, सरकार के लेटरहेड पर हस्ताक्षर किए गए औपचारिक पत्र की प्रतीक्षा है. एसकेएम कल दोपहर बारह बजे सिंघु मोर्चा पर फिर से बैठक करेगा और उसके बाद मोर्चों को हटाने के लिए औपचारिक फैसला करेगा.

किसानों की मांगें

किसान संगठन कृषि कानूनों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. अब इसे सरकार ने वापस ले लिया है. हालांकि, किसान अभी एमएसपी पर कानूनी गारंटी चाहते हैं. इसके अलावा किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में किसानों पर दर्ज केस को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा किसानों की मांग है कि लाल किला हिंसा में प्रदर्शनकारियों पर दर्ज केस भी वापस लिए जाएं. 

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किसानों ने किन बातों पर उठाई थी आपत्ति?

किसानों ने सरकार के प्रस्ताव में तीन बिंदुओं पर आपत्ति दर्ज कराई है.

1- किसानों का कहना है कि जो लोग कृषि कानूनों की ड्राफ्टिंग में शामिल थे, उन्हें एमएसपी पर कमेटी में शामिल नहीं किया जाएगा. सिर्फ संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल संगठनों को इसमें जगह दी जाए. 

2- किसानों का कहना है कि पहले केस वापस ले सरकार, इसके बाद आंदोलन वापस लिया जाएगा.  .

3- किसानों का कहना है कि सरकार सैद्धांतिक रूप से मुआवजा देने के लिए तैयार है, लेकिन जिस तरह से पंजाब सरकार ने उन्हें मुआवजा दिया है, वैसे ही आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए. 

 

 

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