पहलवानों के मुद्दे को लेकर किसान संगठनों उनके समर्थन में आ गए हैं. किसान संगठनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि इस मामले को लेकर सोनीपत में चार जून को महापंचायत होगी, जिसमें मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और आरएलडी चीफ जयंत चौधरी भी शामिल होंगे. वहीं पहलवानों की चेतावनी को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने इंडिया गेट पर सुरक्षा बढ़ा दी है.
महापंचायत में गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत कई किसान नेता शामिल होंगे. इनके अलावा पहलवान बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट समेत धरने पर बैठे अन्य पहलवान भी किसान महापंचायत में आएंगे. यह किसान महापंचायत चार जून को सोनीपत के मुंडलाना में होगी.
किसान नेता वीरेंद्र पहल ने कहा कि दो विचारधाराओं के बीच टकराव हो रहा है. ये हमारे लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनको गंगा में मेडल प्रवाहित करने का बड़ा कदम उठाया गया. हम पहलवानों की आन-बान-शान पर कोई दिक्कत नहीं आने देंगे. इस महापंचायत में आर-पार की लड़ाई का फैसला किया जाएगा.
28 मई को जो हुआ, देश ने देखा: किसान नेता
किसान नेताओं की ओर से बताया गया है कि इस महापंचायत में सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले सभी वर्ग के लोग शामिल होंगे. आरएसएस विचारधारा के लोग दूध पीने वालों को दबाना चाहते हैं. हम पहलवानों को न्याय दिलाने के लिए अपने सिर कटवाने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि 28 मई को जो हुआ वो देश ने देखा है.
इंडिया गेट पर बढ़ाई गई सुरक्षा
इसके अलावा पहलवानों की चेतावनी को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने इंडिया गेट पर सुरक्षा बढ़ा दी है. दरअसल जब पहलवानों को जंतर-मंतर से हटा दिया गया तो उन्होंने कहा था कि जंतर-मंतर से हटा दिए गए हैं तो हम इंडिया गेट पर धरना प्रदर्शन करेंगे. इसी को देखते हुए पुलिस की ओर से इंडिया गेट पर सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.
गंगा में मेडल बहाने हरिद्वार पहुंच गए थे पहलवान
बता दें कि प्रदर्शनकारी पहलवान 30 मई को अपने मेडल को गंगा नदी में बहाने के लिए पहुंच गए थे. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने उन्हें ऐसा करने से रोका और उनसे अपने मेडल ले लिए. टिकैत ने पहलवानों से कहा कि उन्हें अगर मेडल अपने पास नहीं रखने हैं तो उन्हें राष्ट्रपति को सौंप दें. इसके बाद पहलवानों ने खाप चौधरियों को अपने मेडल सौंप दिए और हरिद्वार से सीधे मुजफ्फरनगर में नरेश टिकैत के आवास पर आए, जहां नरेश टिकैत से बातचीत की.