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बेरोजगारी, लालच और युद्ध... कैसे एजेंट्स के जाल में फंसकर रूसी सेना में पहुंच गए पंजाब-हरियाणा के लड़के?

युवाओं से संपर्क करते समय एजेंट्स ने उनसे कहा कि सेना में भर्ती होने के लिए किसी तरह के अनुभव की जरूरत नहीं है. उन्हें मॉस्को आना होगा जहां उन्हें सेना में सुरक्षा गार्ड, रसोइया और हेल्पर के रूप में काम करने के लिए एक महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी और मासिक वेतन मिलेगा. इतना ही नहीं एक साल के बाद वे रूसी पासपोर्ट के भी हकदार होंगे.

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कैसे एजेंट्स के जाल में फंस गए पंजाब-हरियाणा के लड़के? (सांकेतिक फोटो)
कैसे एजेंट्स के जाल में फंस गए पंजाब-हरियाणा के लड़के? (सांकेतिक फोटो)

रूसी सेना में कार्यरत भारतीय नागरिकों की वापसी को लेकर दिल्ली और मॉस्को के बीच बातचीत हो रही है. सेना में कार्यरत युवकों के परिवारों का दावा है कि उन्हें जबरन भर्ती किया गया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि भारतीय सैनिकों को अग्रिम मोर्चों पर भेजा जा रहा है.

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आजतक से बात करते हुए 23 साल के हर्ष कुमार के माता-पिता सुमन और सुरेश कुमार ने कहा, 'प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के बावजूद, रूसी सेना ने उन्हें (भारतीय युवाओं को) नहीं बताया कि उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी. हम चिंतित हैं क्योंकि रूसी अधिकारी उन्हें घर वापस नहीं भेजना चाहते.' हर्ष के माता-पिता करनाल के सांभली में रहते हैं.

'झांसा देकर सेना में किया भर्ती'

12वीं तक पढ़ाई करने वाले हर्ष 23 दिसंबर, 2023 को मास्को के लिए रवाना हुए थे, जहां उनकी मुलाकात कैथल जिले के छह अन्य लोगों से हुई. वे बेलारूस में घुसने की प्लानिंग कर रहे थे लेकिन एक एजेंट ने उन्हें हाईवे पर ही छोड़ दिया जहां से पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर सेना को सौंप दिया.

सुरेश कुमार ने कहा, 'उन्हें बताया गया कि अगर वे रूसी सेना में शामिल हो गए तो वे वीजा मानदंडों का उल्लंघन करने पर 10 साल की जेल से बच सकते हैं. उन्हें रूसी भाषा में लिखे एक एग्रीमेंट पर साइन करने के लिए कहा गया.' हरियाणा और पंजाब के अन्य पीड़ित भी यही कहानी बताते हैं.

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वसूली 11 लाख रुपये तक की फीस

हर्ष हरियाणा से अकेले नहीं हैं जिन्हें रूसी सेना के लिए काम करने का झांसा दिया गया. पड़ोसी कैथल जिले के छह अन्य लोग रवि, बलदेव, राजिंदर, साहिल और मनदीप भी नौकरी की तलाश में मॉस्को गए थे. कैथल पुलिस ने एक लोकल एजेंट सत्यवान उर्फ ​​सत्ता को गिरफ्तार किया है जिसने कथित तौर पर रूसी सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर पीड़ितों से 3 से 11 लाख रुपये तक वसूले थे.

एजेंट्स के झांसे में आए युवा

युवाओं से संपर्क करते समय एजेंट्स ने उनसे कहा कि सेना में भर्ती होने के लिए किसी तरह के अनुभव की जरूरत नहीं है. उन्हें मॉस्को आना होगा जहां उन्हें सेना में सुरक्षा गार्ड, रसोइया और हेल्पर के रूप में काम करने के लिए एक महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी और मासिक वेतन मिलेगा. इतना ही नहीं एक साल के बाद वे रूसी पासपोर्ट के भी हकदार होंगे.

परिवारों का कहना है कि युवकों को सेना की वर्दी दी गई और एक हफ्ते तक ट्रेनिंग दी गई. रिश्तेदारों और पीड़ितों का कहना है कि रूसी सेना ने उन्हें युद्ध का हिस्सा बनने के अलावा बंकर खोदने और अन्य छोटे काम करने के लिए मजबूर किया.

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कई भारतीयों ने गंवाई जान

24 साल के गगनदीप सिंह के पिता बलविंदर सिंह कहते हैं, 'हमें खुशी है कि पीएम मोदी ने इस मुद्दे को उठाया है, लेकिन एक हफ्ते से अधिक समय हो गया है, लड़कों को अभी तक छुट्टी नहीं दी गई है. भारत सरकार को इस मुद्दे को फिर से उठाना चाहिए.' गगनदीप गुरदासपुर जिले के डेरीवाल किरण गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने रूसी सेना में भर्ती होने के लिए 24 दिसंबर को गुरदासपुर छोड़ दिया था.

वर्तमान में रूसी सेना में काम करने वाले भारतीयों ने रूसी टूरिस्ट वीजा पर दिसंबर 2023 और फरवरी 2024 के बीच देश छोड़ा था. उनमें से कई रूसी सेना के लिए लड़ते हुए अपनी जान गंवा चुके हैं. कैथल के मटौर के रवि और अमृतसर के तेजपाल सिंह की मौत हो चुकी है और मटौर के साहिल गंभीर रूप से घायल हुए हैं.

'बेटे से रात भर खुदवाया गड्ढा'

रवि के परिवार ने बताया कि उनका बेटा लापता है. जब आजतक की टीम उसके पहुंची तो उसकी 90 साल की दादी फूली देवी अपने बेटे राम निवास और बेटी बाली के साथ मिलीं. राम निवास कहते हैं, 'उसने चार महीने पहले हमें फोन किया था जब वह एक टैंक पर था. उसने हमें बताया था कि उसे लाशों को दफनाने के लिए रात भर गड्ढा खोदने के लिए कहा गया.'

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जून में मिली खबर, मार्च में हुई थी पति की मौत

तेजपाल सिंह अमृतसर के रहने वाले थे. उनकी पत्नी परमिंदर कौर के मुताबिक, वह पहले 25 दिसंबर को थाईलैंड गए और फिर 16 जनवरी को मॉस्को के लिए रवाना हो गए. परमिंदर कौर ने कहा, 'उन्होंने हमें बताया था कि वह रूसी सेना में शामिल हो रहे हैं. उसने कॉन्ट्रैक्ट भी शेयर किया था. उन्हें दो लाख रुपये भी दिए गए थे जो उनके बैंक अकाउंट में जमा थे. हम 3 मार्च, 2024 तक एक-दूसरे के संपर्क में थे. इसके बाद हमारी कोई बातचीत नहीं हुई. मुझे 9 जून 2024 को पता चला कि उनकी मौत मार्च में ही हो गई थी.'

कई देशों में छिपे हो सकते हैं एजेंट्स

रूसी सेना में शामिल होने वाले कैथल के छह युवाओं को एक एजेंट ने धोखा दिया. वहीं पंजाब के युवक बातों में आ गए और अपने दम पर चले गए. कैथल के ट्रैवल एजेंट सत्यवान को गिरफ्तार कर लिया गया है. मामले की जांच कर रही सीबीआई के अधिकारियों ने भी दुबई, थाईलैंड और अन्य देशों में स्थित संदिग्ध एजेंटों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए परिवारों से मुलाकात की. अमृतसर के तेजपाल पहले थाईलैंड गए और फिर मास्को पहुंचे. कुछ लोग दुबई गए और फिर वहां से मॉस्को पहुंचे जिससे पता चलता है कि वे इन देशों में स्थित फर्जी ट्रैवल एजेंटों के संपर्क में थे.

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पंजाब-हरियाणा के युवा आसान टारगेट

प्रोफेसर वरिंदर शर्मा का कहना है कि कनाडा की ओर से वीजा नियमों को कड़ा करने के बाद पंजाब और हरियाणा के लोग एक आसान टारगेट हैं. उनके समाज में पैसा कमाने के लिए विदेश जाना और एनआरआई का टैग हासिल करना एक स्टेटस सिंबल है. ग्रामीण पंजाब और हरियाणा में बेरोजगारी दर देश में सबसे अधिक है.

पंजाब में 20,75,978 से अधिक बेरोजगारों ने डिपार्टमेंट ऑफ एम्प्लॉयमेंट जनरेशन, स्किल डेवलेपमेंट एंड ट्रेनिंग में रजिस्ट्रेशन कराया है. राज्य में बेरोजगारों की संख्या अधिक हो सकती है. शिक्षित युवाओं (15-29 आयु वर्ग) के बीच बेरोजगारी की दर जो 2005 में 22.95 प्रतिशत थी, 2022 में बढ़कर 26.33 प्रतिशत हो गई. हरियाणा की बेरोजगारी दर 8.8 प्रतिशत है. राज्य में 1,54,832 से अधिक ग्रेजुएट्स और पोस्ट ग्रेजुएट्स बेरोजगार हैं.

बेरोजगारी एक बड़ी समस्या

इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंट एंड कम्युनिकेशन (आईडीसी) के निदेशक प्रोफेसर वरिंदर शर्मा ने कहा, '2011 की जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि राज्य में 35 लाख लोग, जो आबादी का लगभग 19 प्रतिशत है, नौकरी ढूंढ़ रहे थे. 35 लाख में से 25 लाख ग्रामीण इलाकों में रहते थे.'

आजतक की ओर से पंजाब और हरियाणा में किए गए केस स्टडीज के विश्लेषण से पता चला है कि जो लोग रूसी सेना में शामिल हुए, वे पहले भारतीय सेना में शामिल होना चाहते थे लेकिन विभिन्न कारणों से असफल रहे. अग्निवीर भर्ती योजना में पेंशन लाभ की सुविधा न होने के चलते भी पंजाब और हरियाणा के बेरोजगारों को सेना में शामिल होने से दूर कर दिया.

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एजेंट्स की तलाश में जुटी सीबीआई

इस साल मार्च की शुरुआत में सीबीआई ने दिल्ली, तिरुवनंतपुरम, मुंबई, अंबाला, चंडीगढ़, मदुरै और चेन्नई सहित देश के विभिन्न हिस्सों में 13 जगहों पर तलाशी ली. अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. पंजाब के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल का कहना है कि रूसी सेना भर्ती घोटाले में ट्रैवल एजेंटों की भूमिका का पता लगाने के लिए जांच जारी है.

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