मोदी सरकार 3.0 आज शपथ ले रही है. नरेंद्र मोदी ने रविवार को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण की. मोदी 3.0 कैबिनेट में इस बार कई नए चेहरों को जगह मिली है. एनडीए के सहयोगी दलों को भी कैबिनेट में शामिल किया गया है. जेडीयू कोटे से पार्टी के पूर्व अध्यक्ष, वरिष्ठ नेता और मुंगेर लोकसभा सीट से सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली है. उन्हें पंचायती राज मंत्रालय/पशुपालन एवं डेयरी विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. आइए जानते हैं राजीव रंजन सिंह का सियासी सफर...
ललन सिंह का जन्म 24 जनवरी 1955 को पटना में ज्वाला प्रसाद सिंह और कौशल्या देवी के घर हुआ था. उनके पास भागलपुर विश्वविद्यालय के TNB कॉलेज से कला स्नातक की डिग्री है. वह कॉलेज छात्र संघ के महासचिव थे और 1974 में उन्होंने जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व वाले आंदोलनों में भाग लिया था. ललन सिंह की शादी रेणु देवी से हुई है और उनकी एक बेटी है
मुंगेर लोकसभा सीट से सांसद
जनता दल यूनाइटेड के पूर्व अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह बिहार की मुंगेर लोकसभा सीट से सांसद हैं. उन्होंने आरजेडी की कुमारी अनिता को 80870 वोटों के अंतर से हराया है. पार्टी के अध्यक्ष के रूप में काम करने के अलावा वह जेडीयू बिहार इकाई के पूर्व अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने भारत की 14वीं लोकसभा में बेगूसराय निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था.
चौथी बार पहुंचे संसद
वह भारत की 15वीं लोकसभा के सदस्य थे और बिहार के मुंगेर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे. 17वीं लोकसभा (2019) में उन्होंने तीसरी बार सांसद के रूप में मुंगेर का प्रतिनिधित्व किया. 2014 से 2019 के बीच वह बिहार सरकार में मंत्री रहे. ललन सिंह अप्रैल 2000 से 2004 तक राज्य सभा सांसद भी रह चुके हैं. 2014 में अपनी लोकसभा सीट हारने के बाद उन्हें बिहार विधान परिषद के सदस्य के रूप में चुना गया था.
नीतीश कुमार के रह चुके हैं क्लासमेट
जेडीयू का भूमिहार चेहरा ललन सिंह नीतीश कुमार के सबसे करीबी लोगों में शामिल हैं. वह नीतीश के सहपाठी भी रह चुके हैं. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चारा घोटाला मामले में पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर करने वाले लोगों में ललन सिंह का भी नाम शामिल है. 2010 में उन पर पार्टी फंड का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगा जिसके चलते उन्हें पार्टी छोड़नी पड़ी. हालांकि बाद में नीतीश के साथ उनकी सुलह हो गई और वह विधान परिषद के सदस्य बने और मंत्रिपरिषद में शामिल हुए.