यूपी के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को हुई हिंसा मामले का विवाद थमता नहीं दिख रहा है. समाजवादी पार्टी ने सोमवार को ऐलान किया है कि 12 सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को संभल जाएगा. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे की अगुवाई में यह प्रतिनिधिमंडल जाएगा. वहीं, सोमवार को भी संभल में सख्ती देखी गई. हिंसा वाली जगह किसी को भी जाने से रोका गया. बता दें कि पुलिस और प्रदर्शनकारियों की झड़प में 4 लोगों की जान चली गई थी. अब ये सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ये हिंसा कैसे भड़की?
पहले संभल के बारे में जानिए
पौराणिक कथाओं के अनुसार, सतयुग में जिसका नाम सत्यव्रत कहा गया, त्रेता में महदगिरि, द्वापर में पिंगल, कलियुग में उसी का नाम कहा जाता है संभल. भारत में सबसे कम साक्षरता दर वाले शहर के नाम पर भी संभल का नाम ही दर्ज है. धार्मिक महत्व से देखें तो कहा जाता है कि देश की राजधानी से 150 किमी दूर संभल में 68 तीर्थ और धार्मिक मान्याताओं को समेटे 19 कूप हैं.
अखिलेश ने लगाए ये आरोप
बता दें कि संभल में हुए बवाल में 4 लोगों की मौत हुई है और इस मामले में 7 FIR दर्ज की गई हैं. 800 लोगों की तलाश हो रही है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि संभल को सुलगाया किसने? सपा प्रमुख अखिलेश यादव कहते हैं कि दंगा सरकार ने करवाया. अखिलेश ने कहा कि हाल ही में हुई चुनाव में धांधली को छिपाने के लिए संभल में ये घटना कराई गई.
वहीं, कमिश्नर मुरादाबाद कहते हैं कि नए लड़कों को उकसाकर हिंसा कराई गई.जबकि संभल के सांसद कहते हैं कि सर्वे के दौरान नारेबाजी से माहौल बिगड़ा.
4 लोगों की जान कैसे गई
सबसे पहले आपको ये जानना जरूरी है कि 4 लोगों की मौत कैसे हुई. विपक्ष आरोप लगा रहा है कि सभी की मौत पुलिस फायरिंग में हुई. जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कमिश्नर कहते हैं कि बिलाल, नईम, अयान और कैफ की हिंसा के दौरान मौत पुलिस की गोली से नहीं बल्कि 315 बोर की गोली से हुई है. यानी देसी कट्टे से चली गोली से चार लोगों की मौत हुई.
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संभल की पुलिस कहती है कि एक गोली उसने नहीं चलाई. जो चलाई वो रबर बुलेट है. वहीं, इस बीच संभल में हिंसा फैलने को लेकर एक दावा जामा मस्जिद के सदर जफर अली की तरफ से किया गया. आरोप ये लगाया गया कि मस्जिद के सर्वे के दौरान वजूखाने की हौज का पानी जबरन खाली कराने को लेकर बाहर जुटी भीड़ में गलतफहमी फैली और हिंसा हो गई. लेकिन इसका सच प्रशासन के मुताबिक कुछ और है.
प्रशासन ने कहा कि सर्वे की हर जानकारी दी गई थी. लेकिन कुछ लोगों ने ये झूठ फैलाया कि मस्जिद में खुदाई की जा रही है. पहले सबकुछ सामान्य था. लेकिन अचानक हिंसा भड़क उठी. पुलिसवाले चारों ओर से घिरे थे. साजिश के तहत लोगों को झूठी बात बताई गई, जिससे भीड़ इकट्ठा हुई. मामले की जांच हो रही है.
संभल की पुलिस अब ड्रोन कैमरे के अलावा इलाके के दूसरे कैमरे में कैद वीडियो खंगाल रही है. पहचान हो रही है रुमाल बांधकर कौन आया, चाकूलेकर कौन आया. कैसे रातों रात हिंसा फैलाने की साजिश हुई.