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8 दिन की CBI कस्टडी में आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, कोर्ट ने दी मंजूरी

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के बाद से जांच के दायरे में आए पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने संदीप घोष को 8 दिनों की सीबीआई हिरासत में भेज दिया है. सीबीआई ने अदालत में 10 दिन की हिरासत की मांग की थी. लेकिन कोर्ट ने 8 दिन की मंजूरी दी.

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8 दिन की सीबीआई कस्टडी में संदीप घोष. (फाइल फोटो)
8 दिन की सीबीआई कस्टडी में संदीप घोष. (फाइल फोटो)

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के बाद से जांच के दायरे में आए पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने संदीप घोष को 8 दिनों की सीबीआई हिरासत में भेज दिया है. सीबीआई ने अदालत में 10 दिन की हिरासत की मांग की थी. लेकिन कोर्ट ने 8 दिन की मंजूरी दी. वहीं, कोर्ट ने इस मामले में गिरफ्तार एक अन्य आरोपी अफसर अली खान की जमानत याचिका भी खारिज कर दी. 

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बता दें कि सीबीआई ने कई दिनों की पूछताछ के बाद कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष को सोमवार को गिरफ्तार किया था. संदीप घोष की गिरफ्तारी भ्रष्टाचार के मामले में की गई है. सीबीआई ने यह कार्रवाई 15 दिनों से अधिक की पूछताछ के बाद की है.

दो बार हुआ है पॉलीग्राफ टेस्ट
सीबीआई की एफआईआर में कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 420 और धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है. संदीप घोष से पूछताछ को 15 से अधिक दिन हो चुके हैं. 9 अगस्त की सुबह एक पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की जांच के सिलसिले में भी उनसे पूछताछ की जा रही है. 

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इसके अलावा उनके खिलाफ करप्शन का केस भी दर्ज किया गया है. सीबीआई इस केस से जुड़े तमाम सच जानने के लिए संदीप का दो बार पॉलीग्राफ टेस्ट भी कर चुकी है. उनके अलावा 6 अन्य लोगों का भी टेस्ट हो चुका है.

पूर्व उप अधीक्षक ने लगाए आरोप 

संदीप घोष से अस्पताल के बुनियादी ढांचे, शवों को सुरक्षित रखने और पोस्टमार्टम करने में शामिल प्रोटोकॉल के बारे में पूछताछ की गई. पांच सदस्यीय टीम ने अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों से बात की, जिसमें फोरेंसिक विभाग के प्रमुख और वर्तमान उप प्राचार्य डॉ. सप्तर्षि चटर्जी शामिल थे. ये जांच अस्पताल के पूर्व उप अधीक्षक अख्तर अली द्वारा भ्रष्टाचार के लगाए गए आरोपों के बाद शुरू की गई है.

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