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कोलकाता: बिल बढ़ाने के लिए दो दिन तक शव को वेंटिलेटर पर रखा!

कोलकाता में कोरोना से जान गंवाने वाले एक मरीज के परिजनों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल ने बिल बढ़ाने के लिए मरीज को 2 दिन तक वेटिंलेटर पर रखा था. परिजनों के शव के अंतिम संस्कार के लिए अनुमति देने से इनकार के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

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सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई)
सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • परिजनों ने अंतिम संस्कार की अनुमति देने से मना किया
  • अस्पतालः 31 अगस्त को बताया कि तबीयत खराब हो गई
  • शव को पोस्टमार्टम को भेजा, कोलकाता पुलिस ने जांच शुरू की

कोलकाता में कोरोना से पीड़ित एक मरीज के परिजनों ने आरोप लगाया है कि शहर के एक निजी नर्सिंग होम ने मृतक के शव को 2 दिन तक वेंटिलेटर पर रखा, ताकि मेडिकल बिल को बढ़ाया जा सके.

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हुगली जिले के निवासी और कोरोना से पीड़ित 55 वर्षीय शेख साबिर अली को 25 अगस्त को पार्क सर्कस क्षेत्र स्थित स्वस्तिक नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था.

परिजनों के अनुसार, नर्सिंग होम ने 31 अगस्त को 47,000 रुपये का बिल चुकाने के तुरंत बाद ही उनके पिता को मृत घोषित कर दिया. पीड़ित के बेटे ने आरोप लगाया कि परिवार के बार-बार अनुरोध करने के बावजूद 30 अगस्त तक मरीज को देखने की अनुमति नहीं दी गई.

शेख साबिर अली के बेटे जहीर अब्बास ने कहा, 'जैसे ही हमने बिल का भुगतान किया, उन्होंने हमें बताया कि वह मर चुके हैं.' परिवार ने मंगलवार को करैया पुलिस स्टेशन में इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.

अस्पतालः आरोप आधारहीन 

दूसरी ओर, इस आरोप को 'आधारहीन' करार देते हुए नर्सिंग होम ने दावा किया है अली को उनकी सुविधा के लिए पहले ही वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था. स्वास्तिक नर्सिंग होम के मालिक विक्रम खेतान ने कहा, 'उन्हें क्रिटिकल सपोर्ट एंबुलेंस के जरिए हमारे यहां लाया गया था और हमें उन्हें वेंटिलेशन सपोर्ट पर रखना पड़ा.'

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खेतान ने अपनी सफाई में कहा कि मरीज को उत्तर पारा के एक अन्य नर्सिंग होम से यहां स्थानांतरित किया गया था, जहां वह कुछ दिनों के लिए भर्ती थे, लेकिन वहां पर उनका कोरोना टेस्ट नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि जैसे ही वह हमारे यहां भर्ती हुए, हमने उनका टेस्ट लिया. जिसमें वो कोरोना पॉजिटिव निकले, इसलिए हमें उन्हें अलग-थलग रखना पड़ा.

शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा
खेतान का कहना है कि ऐसे में हम परिवार के सदस्यों को उनसे मिलने की अनुमति कैसे दे सकते हैं? इसके बजाए, परिवार को मरीज को दूर से या वीडियो कॉल के माध्यम से देखने की अनुमति दी गई थी.

खेतान ने कहा कि वास्तव में, 31 अगस्त को परिवार को सूचित किया गया और अस्पताल आने का अनुरोध किया क्योंकि मरीज की हालत बिगड़ गई थी.

पोस्टमार्टम की मांग करते हुए परिवार ने कोरोना पीड़ितों के लिए दाह संस्कार की सहमति के लिए कोलकाता नगर निगम के फॉर्म पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. इसके बाद, कोलकाता पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और जांच शुरू कर दी गई है.

 

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