कोलकाता में एक अवैध निर्माण के मामले में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अभिजीत गांगुली ने कहा कि कोलकाता नगर निगम यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से बुलडोजर किराए पर ले सकता है. इस मामले में अब राजनीति शुरू हो गई है. TMC-BJP अब आमने सामने आ गए हैं.
जस्टिस गांगुली ने यह टिप्पणी तब की जब KMC के वकील कोलकाता नगर निगम के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में एक अवैध निर्माण के संबंध में अपनी बात रख रहे थे. कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि हम बुलडोज़रिंग की अवधारणा में यकीन नहीं करते. हम विकास में विश्वास करते हैं. साथ ही कहा कि ये भी सच है कि हम किसी भी तरह के अवैध निर्माण का समर्थन नहीं करेंगे.
TMC प्रवक्ता कुणाल घोष ने जस्टिस अभिजीत गांगुली की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि जस्टिस गांगुली प्रसिद्धि चाहते हैं. दरअसल, बंगाल में CPM की अब कोई भूमिका नहीं है. वह रेस से बाहर हो चुकी है. इसलिए वह बीजेपी के लिए कोशिश कर रहे हैं. उन्हें पश्चिम बंगाल बीजेपी पर भी भरोसा नहीं है. वह सुकांत मजूमदार, सुवेंदु अधिकारी पर विश्वास नहीं करते.
कुणाल घोष ने कहा कि अगर बुलडोजर चाहिए तो पश्चिम बंगाल सरकार के पास भी बुलडोजर है, निगम के पास भी बुलडोजर है. उन्होंने कहा कि जस्टिस गांगुली टीएमसी विरोधी हैं. कुणाल घोष ने कहा कि योगी राज में सभी बुलडोजर महिलाओं और दलितों का खून बहा रहे हैं. उत्तर प्रदेश में उन्नाव, हाथरस, प्रयागराज जैसे मामले हैं. लेकिन अभिजीत गांगुली यूपी को रोल-मॉडल बना रहे हैं.
वहीं, बीजेपी नेता शिशिर बाजोरिया ने जस्टिस अभिजीत गांगुली की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि एक बार कहा गया था कि बंगाल जो आज सोचता है, देश उसके बारे में कल सोचता है. लेकिन कितने दुर्भाग्य की बात है कि अब बंगाल अवैध कामों के लिए जाना जाने लगा है. कोलकाता नगर निगम में कई चीजें अवैध हैं.
उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल ऐसा कर रहा है. उन्हें तो कट मनी ही चाहिए. आज यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोलकाता हाईकोर्ट ने एक टिप्पणी की है कि अगर निमग नहीं जानता कि अवैध निर्माण को कैसे रोका जाए तो उन्हें यूपी से बुलडोजर किराए पर लेना होगा. इस सरकार और कोलकाता नगर निगम का अंत निकट है.
हालांकि जस्टिस गांगुली के करीबी सूत्रों का कहना है कि उन्होंने ये बात हल्के-फुल्के अंदाज में हास्य के लहजे में की थी. ये एक व्यंग्यात्मक टिप्पणी थी. रिकॉर्ड पर कुछ भी नहीं है.