कोलकाता पुलिस ने आरजी कर मामले के बाद अपने सिविक वॉलंटियर्स को स्पेशल ट्रेनिंग देने का फैसला किया है. यह प्रोग्राम 4 नवंबर से कोलकाता पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में शुरू होगा. 21 दिनों की यह नॉन-रेजिडेंशियल ट्रेनिंग प्रत्येक चरण में 160 सिविक वॉलंटियर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी.
ट्रेनिंग का मकसद आरजी कर मामले के मुख्य आरोपी संजय रॉय सहित विभिन्न घटनाओं में सिविक वॉलंटियर्स पर लगे आरोपों के बाद उनकी क्षमता और जिम्मेदारियों को मजबूत करना है.
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सभी को ट्रेनिंग में लेना होगा हिस्सा
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आरजी कर मामले की सुनवाई के दौरान भी सिविक वॉलंटियर्स पर सवाल उठाए थे. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए कोलकाता पुलिस ने यह फैसला किया है कि सभी सिविक वॉलंटियर्स को अनिवार्य रूप से इस ट्रेनिंग में हिस्सा लेना होगा.
21 दिनों की होगी ट्रेनिंग
ट्रेनिंग के दौरान दो क्लासेज होंगी और ये ट्रेनिंग 21 दिनों तक चलेगी. पहले सेशन में कानून की कक्षा होगी और पीटी, शारीरिक प्रशिक्षण और परेड वगैरह, जबकि दूसरे सेशन में पहले सेशन की क्लासेज इंडोर होंगी और दूसरा सेशन आउटडोर ग्राउंड पर आयोजित किया जाएगा.
ट्रेनिंग में शामिल होंगी ये एक्टिविटी
पुलिस अधीक्षक मीराज खालिद ने इंडिया टुडे को बताया कि "सिविक वॉलंटियर्स का मूल कार्य ट्रैफिक प्रबंधन में पुलिस कर्मियों की मदद करना होता है. ट्रैफिक प्रबंधन की ट्रेनिंग के अलावा, कई अन्य महत्वपूर्ण बातों को भी सिखाया जाएगा जैसे बल का अनुशासन, नागरिकों के साथ संवाद करने का सही तरीका, और खासतौर पर गंभीर परिस्थितियों में जनता की सुरक्षा कैसे करनी है."
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इस ट्रेनिंग प्रोग्राम की घोषणा के साथ, कोलकाता पुलिस यह सुनिश्चित करना चाहती है कि उसकी सिविक वॉलंटियर्स टीम ज्यादा समर्थ और जिम्मेदार बने ताकि भविष्य में किसी घटना से निपटने में वे सक्षम हों.