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कोलकाता कांडः क्या जल्दबाजी में किया गया पीड़िता का अंतिम संस्कार? श्मशान घाट के स्टाफ ने बताई पूरी कहानी

भोलानाथ ने बताया, "सुबह से ही हमारे इलाके की एक लड़की की मौत की खबर चल रही थी. रात 12 बजे के बाद बॉडी श्मशान घाट पर लाई गई. पोस्टमार्टम शाम 6 बजे तक हो चुका था, जिससे बॉडी के डीकंपोज़ होने का खतरा था. आम तौर पर पोस्टमार्टम के बाद जल्दी बॉडी आ जाती है, लेकिन इस बार देर हो गई थी."

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 कोलकाता के अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के विरोध में प्रदर्शन करते रेजिडेंट डॉक्टर
कोलकाता के अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के विरोध में प्रदर्शन करते रेजिडेंट डॉक्टर

कोलकाता रेप-मर्डर केस को लेकर देशभर में आक्रोश का माहौल है. इस केस की जांच सीबीआई कर रही है और लगातार नए खुलासे हो रहे हैं. मामले को लेकर चल रही जांच के बीच आजतक ने पानीहाटी इलाके के श्मशान घाट के स्टाफ से बात की. इस केस की पीड़िता का अंतिम संस्कार पानीहाटी इलाके के श्मशान घाट पर ही हुआ था. श्मशान घाट पर उस दिन मौजूद कर्मी भोलानाथ ने बताया कि जिस दिन पीड़िता का अंतिम संस्कार हुआ, तब श्मशान घाट पर भारी पुलिस बल और स्थानीय नेताओं की भीड़ मौजूद थी.

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भोलानाथ ने बताया, "सुबह से ही हमारे इलाके की एक लड़की की मौत की खबर चल रही थी. रात 12 बजे के बाद बॉडी श्मशान घाट पर लाई गई. पोस्टमार्टम शाम 6 बजे तक हो चुका था, जिससे बॉडी के डीकंपोज़ होने का खतरा था. आम तौर पर पोस्टमार्टम के बाद जल्दी बॉडी आ जाती है, लेकिन इस बार देर हो गई थी." उन्होंने बताया कि श्मशान में पहले से दो अन्य शव थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रुकने के लिए कहा, क्योंकि पीड़िता का शव आने वाला था. 

भोलानाथ ने कहा, "पुलिस ने पहले ही हमें सूचित कर दिया था कि एक लड़की का शव आ रहा है और उसके साथ भारी भीड़ भी आएगी. इलाका काफी भीड़भाड़ वाला था, 10 से अधिक पुलिस गाड़ियां मौजूद थीं, जिससे लोगों को आने-जाने में मुश्किल हो रही थी. इसलिए पुलिस ने जल्दी अंतिम संस्कार करने के लिए कहा."  उन्होंने बताया कि पीड़िता के अंतिम संस्कार के वक्त इलाके के विधायक और काउंसलर भी मौजूद थे. पीड़िता के परिवार की ओर से उसके भाई ने रजिस्टर में एंट्री करवाई, लेकिन उसकी मां अंतिम संस्कार के दौरान श्मशान घाट पर मौजूद थी और उसने किसी विशेष व्यवस्था की मांग नहीं की, इसलिए प्रक्रिया को प्राथमिकता दी गई.

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भोलानाथ ने बताया, "हर घटना में पुलिस जानकारी नहीं देती, लेकिन जब वीआईपी लोग होते हैं या कोई विशेष मामला हो जाता है तो पुलिस पहले से सूचना देती है. इस बार पुलिस की ओर से हमें पहले से ही तैयार रहने के लिए कहा गया था."  भारी भीड़ और पुलिस बल की मौजूदगी के बीच पीड़िता का अंतिम संस्कार जल्द से जल्द संपन्न किया गया, ताकि इलाके में यातायात और भीड़ प्रबंधन को लेकर कोई और समस्या न हो.

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