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एक मिनट कहकर तालिबान ने शुरू कर दी फायरिंग....भारत लौटे युवक ने बयां किया अफगानिस्तान का मंजर

कोलकाता के अजहर हक भारत लौट आए हैं. उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट पर भीड़भाड़ को हटाने के लिए तालिबान ने कहा- एक मिनट और हवा में फायर कर दी. यह उनके काफी करीब था. अफगानिस्तान से निकलना आसान काम नहीं था. लेकिन अजहर हक जो कि सोशल डेवलपमेंट प्रोफेशनल हैं, उनके पास 15 अगस्त को तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद कोई विकल्प नहीं बचा था.

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कोलकाता के अजहर हक सोमवार को अपने घर कोलकाता पहुंचे
कोलकाता के अजहर हक सोमवार को अपने घर कोलकाता पहुंचे
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सोशल डेवलपमेंट प्रोफेशनल हैें अजहर, दो साल से थे अफगानिस्तान में
  • तालिबान के कब्जे के बाद हर हाल में आना चाहते थे भारत

तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान में हालत खराब होते जा रहे हैं. ऐसे में वहां रह रहे लोग हर हालत में देश छोड़ना चाहते हैं. अफगानिस्तान से किसी तरह जान बचाकर भारत लौट रहे लोग अफगानिस्तान के मौजूदा हालातों के बारे में जानकारी दे रहे हैं. इसी तरह अफगानिस्तान से लौटकर भारत आए कोलकाता के एक युवक ने तालिबान के आतंक की दास्तान बयां की. 

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कोलकाता के अजहर हक भारत लौट आए हैं. उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट पर भीड़भाड़ को हटाने के लिए तालिबान ने कहा- एक मिनट और हवा में फायर कर दिया. यह उनके काफी करीब था. अफगानिस्तान से निकलना आसान काम नहीं था. लेकिन अजहर हक जो कि सोशल डेवलपमेंट प्रोफेशनल हैं, उनके पास 15 अगस्त को तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद कोई विकल्प नहीं बचा था. 

राजनीतिक हालात देख काबुल पहुंचे थे अजहर

आखिरकार अजहर सोमवार को अपने माता पिता और भाई के पास लौट आए. वे अफगानिस्तान से यूएन चार्टर्ड फ्लाइट से निकले थे. इसके बाद कजाकिस्तान पहुंचे. वहां से वे दिल्ली आए. अजहर जलालाबाद में थे. वे यहां अपने एनजीओ के लिए एक फील्ड विजिट के लिए गए थे. लेकिन उन्हें जैसे ही अफगानिस्तान में बदलते राजनीतिक हालात के बारे में जानकारी हुई, वे काबुल लौट आए थे. 

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अजहर ने बताया कि जब मैं काबुल आया और मुझे खबर मिली कि चीजें हर घंटे और मिनट पर बिगड़ रही हैं, तो मैंने वहां से बाहर आने का फैसला किया. 
 
मां से किया था देखने का वादा

अजहर ने कहा, मुझे वापस आना ही था, क्योंकि मैंने अपनी मां से उन्हें फिर देखने का वादा किया था. उन्होंने कहा, एक प्रोफेशनल के तौर पर मुझे बहुत बुरा लग रहा है, मैं निराश हूं कि हमारे प्रोजेक्ट अधूरे रह गए. इसलिए मुझे काफी बुरा लग रहा है. उन्होंने कहा, मैं भाग्यशाली था, जो मुझे संयुक्त राष्ट्र की ओर से भोजन, पानी, सुरक्षा मिली. लेकिन वहां के लोगों, महिलाओं और बच्चों, दिव्यांग लोगों के बारे में क्या, क्योंकि अभी सब कुछ अनिश्चित है.

उन्होंने बताया कि वे पिछले दो साल से अफगानिस्तान में थे. उन्होंने काबुल से भारत आने के लिए चार बार एयरपोर्ट पर पहुंचना पड़ा. तब जाकर वे काबुल छोड़ पाए. उन्हें तालिबान की कई चौकियों पर रोका गया. हालांकि, वे डेवलपमेंट सेक्टर में रहने के चलते ऐसी स्थितियों का पहले भी सामना कर चुके हैं. इसलिए उन्हें डर नहीं लगा. 

16 अगस्त को एयरपोर्ट पर 8-10 हजार लोग थे 

अजहर ने बताया कि 16 अगस्त को उनके मुताबिक करीब 8 से 10 हजार लोग एयरपोर्ट पर थे. लेकिन बाद में जब वे यूएन के काफिले की मदद से एयरपोर्ट पर पहुंचे तो यहां करीब 40 से 45 हजार लोग थे. अजहर ने बताया कि आप केवल इतना देख सकते थे कि ये सभी लोग सिर्फ जीवन जीने का एक मौका चाहते हैं, आजादी का एक मौका, एक मौका जो वे करना चाहते हैं उसे करने के एक मौका.

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भीड़ हटाने के लिए तालिबान ने की फायरिंग

अजहर ने बताया कि जब उन्हें फ्लाइट पकड़ने के लिए एयरपोर्ट पहुंचना था. वे अपने ड्राइवर के साथ एयरपोर्ट जा रहे थे. वे भीड़भाड़ से होकर जा रहे थे. तभी तालिबान ने उन्हें रोक लिया. जब अजहर का ड्राइवर उनके पास गया और बताया कि उनकी फ्लाइट है. तो तालिबानी आतंकी ने कहा, एक मिनट और भीड़ को हटाने के लिए हवा में फायर किया. अजहर ने कहा, ये सब मेरे काफी पास था. अजहर अफगानिस्तान में फंसे लोगों के लिए अब फंड इकट्ठा कर रहे हैं. 


 

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