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कृष्ण जन्मभूमि मामला: सुप्रीम कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के सर्वे पर रोक बढ़ाई

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 14 दिसंबर को आदेश पारित कर आयोग की नियुक्ति की अनुमति दी थी. उच्च न्यायालय को आयोग नियुक्त करना था और सर्वेक्षण के तौर-तरीके निर्धारित करने थे. सुप्रीम कोर्ट ने इस बीच निर्देश दिया कि अगले आदेश तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय निर्णय लागू नहीं किया जाएगा.

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 सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा के शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के सर्वे पर रोक बढ़ा दी है. (File Photo/ANI)
सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा के शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के सर्वे पर रोक बढ़ा दी है. (File Photo/ANI)

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को शाही मस्जिद ईदगाह की ओर से दायर याचिका पर आधिकारिक नोटिस जारी किया, जिसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसने अदालत की निगरानी में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण की अनुमति दी थी. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने स्पष्ट किया कि उसने सिविल जज, मथुरा के समक्ष लंबित कार्यवाही पर रोक नहीं लगाई है.

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शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, 'हमने ऑर्डर शीट का अध्ययन किया है, हमने विशेष रूप से यह दर्ज नहीं किया है कि नोटिस जारी किया गया है. इस बीच, दोनों पक्ष अपनी दलीलें पूरी कर लेंगे. मामले को 5 अगस्त से शुरू होने वाले सप्ताह में प्रीलिस्ट करें. अंतरिम आदेश जारी रहेगा, हमने स्पष्ट किया है कि हमने कार्यवाही पर रोक नहीं लगाई है.' सुप्रीम कोर्ट ने 16 जनवरी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी थी, जिसने मस्जिद का सर्वे करने के लिए एक आयोग नियुक्त किया था. 

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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 14 दिसंबर को आदेश पारित कर आयोग की नियुक्ति की अनुमति दी थी. उच्च न्यायालय को आयोग नियुक्त करना था और सर्वेक्षण के तौर-तरीके निर्धारित करने थे. सुप्रीम कोर्ट ने इस बीच निर्देश दिया कि अगले आदेश तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय निर्णय लागू नहीं किया जाएगा. दरअसल, मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर और शाही ईदगाह मस्जिद के 13.37 एकड़ जमीन को लेकर विवाद है. करीब 11 एकड़ पर मंदिर है और 2.37 एकड़ जमीन पर मस्जिद है. इस मस्जिद का निर्माण औरंगजेब ने 1669-70 में कराया था. 

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हिंदू पक्ष का दावा है कि औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर बने प्राचीन केशवनाथ मंदिर को तोड़कर शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया था. मुस्लिम पक्ष का दावा है कि इसके कोई सबूत मौजूद नहीं हैं कि शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण एक मंदिर को तोड़कर कराया गया था. शाही ईदगाह मस्जिद ट्रस्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 14 दिसंबर के फैसले को इस आधार पर चुनौती दी है कि ईदगाह मस्जिद की संरचना पर दावा करने वाले हिंदू भक्तों द्वारा दायर याचिकाएं पूजा स्थल अधिनियम 1991 के तहित वर्जित हैं. 

साथ ही मथुरा कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में सभी निचली अदालतों में चल रहे 15 मुकदमों को ट्रांसफर करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया था. मुस्लिम पक्ष ने इस मामले में हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई पर रोक की भी मांग की थी. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मुस्लिम पक्ष की इस मांग को खारिज कर दिया गया और हा ईकोर्ट में सुनवाई जारी रहने का रास्ता साफ कर दिया. 

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