कुवैत (Kuwait) में हुए आग हादसे में मारे गए 45 भारतीयों के पार्थिव शरीर को लेकर भारतीय वायुसेना (IAF) का स्पेशल एयरक्राफ्ट कोच्चि के लिए रवाना हो गया है. शवों के साथ राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह भी हैं, जिन्होंने शवों के जल्द देश लाने के लिए कुवैत के अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया. कुवैत में भारतीय दूतावास ने कहा कि राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह, एयरक्राफ्ट में सवार हैं.
जान गंवाने वाले ज्यादातर नागरिक करेल से
समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक, कुवैत के प्रथम उप प्रधान मंत्री और रक्षामंत्री शेख फहद अल-यूसुफ अल-सबाह ने बताया था कि अधिकारियों ने 48 शवों की पहचान की है, जिनमें से 45 भारतीय और तीन नागरिक फिलिपींस के हैं. उन्होंने कहा कि एक शेष शव की पहचान करने के प्रयास अभी भी जारी हैं. अधिकारियों ने बताया कि हादसे में जान गंवाने वाले अधिकांश भारतीय पीड़ित केरल से हैं.
हादसे बाद से ही भारत सरकार एक्टिव
कुवैत अग्निकांड को लेकर बुधवार की रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल, विदेश सचिव विनय क्वात्रा और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा सहित अन्य के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की. बैठक के बाद पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतक भारतीय नागरिकों के परिवारों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की और निर्देश दिया कि सरकार को हर संभव सहायता प्रदान करनी चाहिए.
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जयशंकर ने कुवैत के विदेश मंत्री से की बात
विदेश मंत्री जयशंकर ने कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या से फोन पर बात की और उनसे मृतकों के पार्थिव शरीर को शीघ्र स्वदेश वापस लाने का आग्रह किया. जयशंकर ने कहा कि कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या से कुवैत में आग लगने की घटना पर बात की. इस संबंध में कुवैत के अधिकारियों द्वारा किए गए प्रयासों से उन्हें हमें अवगत कराया. साथ ही आश्वासन दिया कि घटना की पूरी जांच की जाएगी और जिम्मेदारी तय की जाएगी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि घायलों को पर्याप्त चिकित्सा सुविधा मिल रही है.
कब हुआ था हादसा?
कुवैत के मीडिया के मुताबिक आग रसोई में लगी थी, अधिकांश मौतें धुएं के कारण हुईं. ये हादसा बुधवार की सुबह 4.30 बजे अल-अहमदी गवर्नरेट के अधिकारियों हादसे की सूचना दी गई थी. इसका मतलब ये आग अलसुबह लगी थी, जिस वक्त लोग नींद के आगेश में थे. कुवैत के मीडिया के अनुसार निर्माण कंपनी NBTC ग्रुप ने 195 से ज्यादा श्रमिकों के रहने के लिए बिल्डिंग किराए पर ली थी, जिनमें से अधिकांश केरल, तमिलनाडु और उत्तरी राज्यों के भारतीय रह रहे थे.
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