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कुवैत अग्निकांड: जुलाई में बेटे की शादी, जल्द आने वाला था घर..., अब संपर्क टूटने से परिजन परेशान, बोले- अल्लाह से दुआ करते हैं

कुवैत के मुंगाफ में छह मंजिला इमारत में लगी भीषण आग में मरने वाले पचास लोगों में 45 भारतीय भी हैं, जिनके शव भारत आ गए हैं. ये आग बुधवार तड़के चार बजे के आसपास लगी. छह मंजिला इस इमारत के किचन में आग लगी, जो पूरी बिल्डिंग में फैल गई. यहां रहने वाले अधिकतर मजदूर नाइट शिफ्ट करके लौटे थे और सो रहे थे. आग लगने की वजह से कई लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला.

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कुवैत अग्निकांड
कुवैत अग्निकांड

कुवैत के मुंगाफ की एक इमारत में लगी भीषण आग में 45 भारतीयों की मौत हुई है. कई भारतीय परिवार ऐसे भी हैं, जो कुवैत में रह रहे अपने प्रियजनों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. इन्हीं में एक हैं, बिहार की रहने वाली मदीना खातून.

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मदीना खातून का बेटा मुंगाफ की उसी बिल्डिंग में रहता है, जिसमें बीते दिनों आग लगी. मदीना परेशान है क्योंकि वह आग लगने की इस खबर के बाद कुवैत में अपने बेटे को लगातार फोन कर रही है. लेकिन उसे अभी तक अपने बेटे के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है. मदीना के बेटे की अगले महीने शादी होनी है.

मदीना का कहना है कि उसका बड़ा बेटा कालू खान मुंगाफ की इसी बिल्डिंग में रह रहा था और अगले महीने होने वाली शादी के लिए घर लौटने वाला था. 

उन्होंने बताया कि मैंने मंगलवार को रात लगभग 11 बजे उससे फोन पर बात की थी. उसने मुझे बताया था कि वह पांच जुलाई को दरभंगा पहुंचेगा क्योंकि अगले महीने उसकी शादी थी.

दरभंगा जिले के नैना घाट की रहने वाली मदीना का कहना है कि उसका बेटा कई सालों से कुवैत में रह रहा था. ग्रामीणों के मुताबिक, खान कुवैत में मजदूरी करता था. जब मदीना को मुंगाफ की उसी बिल्डिंग में आग लगने की खबर मिली तो उसने अपने बेटे को फोन करने की कोशिशें की. लेकिन उससे संपर्क नहीं हो पाया. हमें नहीं पता कि अब वह कहां है. 

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मदीना का कहना है कि मुझे नहीं पता कि मेरे बेटे के साथ क्या हुआ. वह मेरा बड़ा बेटा है. हमने इस संबंध में प्रशासन से भी संपर्क करने की कोशिश की है लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ. हमने उसकी तस्वीर भी दूतावास अधिकारियों को भेजी है. अब हम उसकी खबर मिलने का इंतजार कर रहे हैं. हम जिला प्रशासन के संपर्क में भी हैं. मदीना ने कहा कि मैं अल्लाह से दुआ करती हूं कि मेरे बेटे के बारे में मुझे अच्छी खबर मिले.

अचानक कैसे लगी आग?

कुवैत के मुंगाफ में छह मंजिला इमारत में लगी भीषण आग में मरने वाले पचास लोगों में 45 भारतीय भी हैं, जिनके शव भारत आ गए हैं. ये आग बुधवार तड़के चार बजे के आसपास लगी. छह मंजिला इस इमारत के किचन में आग लगी, जो पूरी बिल्डिंग में फैल गई. यहां रहने वाले अधिकतर मजदूर नाइट शिफ्ट करके लौटे थे और सो रहे थे. आग लगने की वजह से कई लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला. तंग जगह होने की वजह से कई लोगों को भागने तक का मौका नहीं मिला. वहीं, कुछ लोगों ने जान बचाने के लिए अपनी-अपनी मंजिलों से छलांग भी लगाई.

मंगाफ में NBTC ग्रुप ने इस बिल्डिंग को किराए पर लिया था. कंपनी ने अपने यहां काम करने वाले मजदूरों का इस बिल्डिंग में रहने का इंतजाम किया था. इस बिल्डिंग में कुल 196 लोग रह रहे थे, जो कि क्षमता से बहुत अधिक था. कई रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इन मजदूरों को ठूंस-ठूंसकर इस बिल्डिंग में रहने को मजबूर किया जा रहा था.

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