LAC पर भारत और चीन के बीच मई के शुरुआती दिनों से ही तनाव बना हुआ है. चीन एक ओर जहां बातचीत का दिखावा करके शांति की बात करता है तो वहीं उसके सैनिक घुसपैठ की कोशिश भी करते हैं. चीन की हर चाल को अब तक भारतीय सेना के जांबाज मात दे चुके हैं. इस बीच LAC पर जारी तनाव को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पिछले चार महीनों में हमने जो देखा है वह LAC पर यथास्थिति को बदलने के चीनी प्रयास का परिणाम है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को कहा कि ग्राउंड कमांडर अभी भी मामले को सुलझाने में लगे हुए हैं. चीन ने एलएसी पर यथास्थिति को बदलने की कोशिश की है. हम उम्मीद करते हैं कि चीन एलएसी पर शांति बनाए रखने के मूल सिद्धांत का पालन करेगा.
उन्होंने कहा कि हम शांतिपूर्ण वार्ता के जरिए सभी मुद्दों का हल करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. आगे का रास्ता सैन्य और कूटनीतिक वार्ताएं हैं. हम चीन से पूरी तरह से विघटन और डी-एस्केलेशन के माध्यम से सीमा क्षेत्रों में शांति बहाल करने के उद्देश्य के साथ ईमानदारी से जुड़ने का आग्रह करते हैं.
चीनी ऐप्स को बैन किए जाने पर क्या बोला विदेश मंत्रालय
वहीं, सरकार द्वारा चीन के 118 मोबाइल ऐप्स प्रतिबंधित करने के फैसले पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत में एफडीआई के लिए दुनिया में सबसे खुले शासनों में से एक है, इसमें इंटरनेट कंपनियां और डिजिटल टेक्नोलॉजी कंपनियां भी आती हैं. हालांकि, भारत सरकार द्वारा जारी नियमों और विनियमों का पालन करना उनकी जिम्मेदारी है. बता दें कि मोदी सरकार ने डिजिटल स्ट्राइक करते हुए बुधवार को पबजी समेत चीन के 118 ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था.
कुलभूषण जाधव के मामले पर अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि हम राजनयिक चैनलों के माध्यम से पाकिस्तान के संपर्क में हैं. कुलभूषण जाधव की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमारी सरकार हर संभव कदम उठा रही है. इस बीच, इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव को डिफेंस काउंसिल मुहैया करने का निर्देश दिया है. इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले की आगे की सुनवाई की 6 अक्टूबर तक टाल दी है.