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लद्दाख में चीन पैंगोंग झील के आसपास अवैध निर्माण कर रहा है, जिसकी चौंकाने वाली सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं. इन तस्वीरों से पता चलता है कि चीन LAC के पास नई सड़कें, पुल और टॉवर्स बना रहा है. इनमें से ज्यादातर निर्माण उस इलाके में हो रहा है जिसपर चीन ने करीब 60 साल पहले अवैध रूप से कब्जा कर लिया था.
फोटोज में बनती सड़कें साफ दिख रही हैं, पुल का हिस्सा भी बिल्कुल क्लियर दिख रहा है. नया निर्माण झील के दक्षिणी किनारे को Rutog में उत्तरी किनारे से जोड़ेगा जहां चीनी सेना तैनात रहती है. इस निर्माण में कुछ असामान्य चीज भी देखने को मिली है. दरअसल, चीन द्वारा बनाए जा रहे पुल के बीच में 15 मीटर का गैप भी दिख रहा है. यह गैप चल रहे निर्माण के बावजूद भरा नहीं गया है.
पिछले गतिरोध से सबक ले रहा चीन?
चीन के ताजा निर्माण को देखकर ऐसा लगता है कि वह पिछली बार की अपनी मजबूरियों से पार पाना चाहता है. दो साल पहले जब भारत-चीन सेना का गतिरोध हुआ था. तब चीन के सैनिक जल्द उन ऊंची जगहों पर नहीं पहुंच पाए थे जहां से दक्षिण के हिस्से को कंट्रोल किया जा सके. इन सामरिक ऊंचाइयों पर भारतीय जवान पहले पहुंच गए थे. इसकी वजह से चीन को भारत के साथ बातचीत करके गतिरोध को खत्म करना पड़ा.
लेकिन अब चीन अपनी उन खामियों पर काम कर रहा है. अब चीन झील पर एक पुल का निर्माण कर रहा है. इसके साथ-साथ यहां इलेक्ट्रॉनिक बुनियादी ढांचा भी मजबूत कर रहा है.
स्पेस फर्म Maxar Technologies की ताजा फोटोज बताती हैं कि झील के दक्षिणी हिस्से में चीन ने सड़क का कुछ हिस्सा लगभग तैयार कर लिया है, जबकि बाकी पर काम जारी है. इस काम को निपटाने के लिए वहां काफी हेवी मशीनरी पहुंचाई गई है.
नई सड़क की मदद से हेवी मिलिट्री को तेजी से एक जगह से दूसरी जगह लाया जा सकता है. जानकार मानते हैं कि चीन फिर से भारतीय सेना को अगस्त 2020 की तरह बढ़त नहीं बनाने देना चाहता.
पुल के नीचे गैप क्यों?
अब बात करते हैं कि चीन द्वारा बनाए जा रहे पुल की. यह करीब एक साल से बन रहा है. इस पुल को पहले से मौजूद सड़क और दूसरे रोड नेटवर्क से भी जोड़ने की तैयारी है. बन रहे नए पुल के दक्षिणी झोर की तरफ नीचे एक गैप है जो कि अबतक भरा नहीं गया है.
ऐसा माना जा रहा है कि फिलहाल पुल के निर्माण के लिए गैप को बनाए रखा गया हो जिससे सामान इधर से उधर किया जा सके और बाद में इसको भर दिया जाए. लेकिन यह भी हो सकता है कि इस गैप को चीन की हमला करने वाली और गश्त करने वाली नावों के लिए खुला रखा गया हो जिससे वे एक तरफ से दूसरी तरफ जा सकें.
चीन के इस पुल से क्या फायदा होगा?
एक अनुमान के मुताबिक, इस पुल की वजह से चीनी सेना को काफी मदद होने वाली है. मान लीजिए चीन को झील के उत्तर में मौजूद Khurnak Fort से दक्षिण में मौजूद उस जगह पहुंचना है जहां 2020 में गतिरोध हुआ था. तो पहले इसमें 12 घंटे का समय लगता था. लेकिन इस पुल की वजह से अब सिर्फ चार घंटे में चीनी सेना पहुंच सकती है.
(फोटो क्रेडिट- Maxar Technologies)