केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख में टैक्सी यूनियन ने हड़ताल बुलाई है. करगिल के ट्रांसपोर्टर्स अगले 4 दिन यानी 6 अक्टूबर तक चक्का जाम रखेंगे. जबकि उनकी मांगों के समर्थन में यहां होटल भी अगले 4 दिन बंद रहेंगे. टैक्सी और ट्रांसपोर्ट यूनियन का आरोप है कि जम्मू-कश्मीर से अलग होकर केन्द्र शासित प्रदेश बनने के बाद भी प्रशासन के लोग करगिल जिले के लिए काम नहीं कर रहे.
जम्मू-कश्मीर का बंटवारा बना समस्या
करगिल ट्रांसपोर्ट यूनियन क उपाध्यक्ष मोहम्मद इशाक ने कहा कि उनकी परेशानी जम्मू-कश्मीर के बंटवारे से ही शुरू हुई. लद्दाख में दो जिले लेह और करगिल हैं. करगिल में रजिस्टर टैक्सियों को लेह जिले में चलाने की अनुमति नहीं मिल रही है. लेह में पर्यटन की ज्यादा संभावनाएं हैं. लेकिन अधिकारी करगिल के लिए काम ही नहीं कर रहे. इसलिए परमिट का ये मसला पिछले 2 साल से अटका पड़ा है. हमें किसी तरह का नया रोजगार नहीं मिल रहा है, और जो अवसर है उसे अधिकारियों ने छीन लिया है. ये हमारा अधिकार है कि हम नेशनल परमिट लें, स्टेट परमिट लें या जिला परमिट. लेकिन अधिकारियों का कहना है कि करगिल की टैक्सी को लेह में अनुमति नहीं मिलेगी.
अवैध तरीके से टैक्सी चलाने को मजबूर
वहीं करगिल ट्रांसपोर्ट यूनियन के सेक्रेटरी गुलाम मुस्तफा का कहना है कि हम लेह में पिछले तीन साल से केवल अवैध तरीके से अपनी गाड़ियां चला रहे हैं, क्योंकि हमारे पास परमिट ही नहीं है. हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा, इसलिए हमने हड़ताल बुलाई है. इसलिए अगले 4 दिन होटल और टैक्सी सब बंद रहेंगे यानी पूरी तरह से चक्का जाम की स्थिति रहेगी.
अनुच्छेद-370 खत्म होने के बाद बंटवारा
केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 और 35 A को खत्म कर दिया था. इसके बाद जम्मू-कश्मीर राज्य का बंटवारा कर इसे दो केन्द्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया. इसमें दो केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लेह-लद्दाख बनाए गए. इनमें से जम्मू-कश्मीर में दिल्ली और पुडुच्चेरी की तरह विधानसभा बनाए जाने का भी प्रस्ताव है.