लखीमपुर खीरी हिंसा मामले (Lakhimpur Kheri Violence) पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इसमें यूपी सरकार की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने कहा कि हिंसा में मारे गए पत्रकार और ड्राइवर से जुड़े सबूत जुटाना मुश्किल है. लखीमपुर केस पर अब 8 नवंबर को सुनवाई होगी. SC ने यूपी सरकार को सभी पहलुओं की जांच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. इससे पहले हरीश साल्वे ने भी मामले को दिवाली तक टालने की मांग की थी.
सुनवाई में यूपी सरकार की तरफ से कहा गया कि इस ब्रेक में वह (साल्वे) इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य (सबूतों) का अध्यन करना चाहते हैं. लखीमपुर हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हुई थी. इसमें चार प्रदर्शनकारी किसान शामिल थे. इसके अलावा दो बीजेपी कार्यकर्ता, एक ड्राइवर और एक पत्रकार ने जान गंवाई थी.
कोर्ट ने पूछा - क्या सिर्फ 23 चश्मदीद मिले?
सुनवाई में कोर्ट ने पूछा कि अबतक केस से जुड़े लोगों की पहचान क्यों नहीं हो पा रही है. आगे पूछा गया कि अबतक सिर्फ 23 चश्मदीदों से ही पूछताछ क्यों हुई है. इसपर यूपी सरकार के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि 30 गवाहों के बयान दर्ज कराए गए हैं. इसमें से 23 चश्मदीद गवाह बताए गए हैं. चीफ जस्टिस ने कहा कि हर एक पहलू और संभावना को तलाशिए और जांच आगे बढ़ाइए. साल्वे ने कहा कि मैं इस मामले से संबंधित साक्ष्य सील-कवर में दाखिल करना चाहूंगा. तब चीफ जस्टिस ने कहा कि देख लीजिए बाद में कोई सवाल ना उठे क्योंकि यह बहुत ही गंभीर मामला है.
CJI ने यह भी पूछा कि क्या इन 23 चश्मदीद गवाहों में से कोई घायल हुआ है? इसपर साल्वे ने कहा कि नहीं, दुर्भाग्य से जिन लोगों को चोटें आईं, उनकी बाद में मौत हो गई. आगे साल्वे ने कहा कि ज्यादा ब्योरा आगे की सुनवाई में दिया जा सकेगा. साल्वे ने कहा कि गवाहों को सुरक्षा भी दी जा रही है.
यूपी सरकार ने कहा कि ड्राइवर श्याम सुंदर और पत्रकार रमन कश्यप की मौत से जुड़े सबूत और गवाह जुटाना मुश्किल है. इसपर कोर्ट ने कहा कि यूपी सरकार दोनों की मौत के मामले में अलग स्टेटस रिपोर्ट दायर करे. वहीं ड्राइवर श्याम सुंदर की पत्नी रूबी ने कहा कि उसने अपने पति की हत्या करने वाले तीन लोगों की पहचान की है लेकिन पुलिस ने अबतक FIR नहीं लिखी है.
साल्वे ने कहा कि श्याम सुंदर इस मामले में आरोपी भी हैं और पीड़ित भी हैं. CJI ने आदेश दिया कि पीड़िता रूबी देवी की शिकायत पर कार्रवाई की जाए. साथ ही श्याम सुंदर और पत्रकार कि मौत पर राज्य सरकार स्टेटस रिपोर्ट पेश करे.