scorecardresearch
 

लखीमपुर हिंसा की अपनी-अपनी कहानीः मंत्री-बेटे ने दी सफाई तो पीड़ितों ने सुनाई आपबीती

लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को लेकर अलग-अलग बातें कही जा रही हैं. केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष मिश्रा ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया है. तो वहीं घायल किसानों का कहना है कि उनके काफिले ने उन्हें 200 मीटर तक रौंद दिया. इस पूरी घटना पर किस पक्ष का क्या कहना है, आइए जानते हैं...

Advertisement
X
लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई थी हिंसा (फोटो-PTI)
लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई थी हिंसा (फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लखीमपुर खीरी में कल भड़की थी हिंसा
  • हिंसा में चार किसानों की मौत हो गई
  • बाद में भड़की हिंसा में 4 लोग मारे गए

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में हुई हिंसक झड़प के बाद केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है. रविवार को लखीमपुर खीरी में उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को एक कार्यक्रम में शामिल होना था, जिसके पहले बवाल हो गया. कुल आठ लोगों की मौत हो गई. घटना के फौरन बाद इलाके में इंटरनेट बंद कर दिया गया.

Advertisement

इस मामले में अजय मिश्रा के बेटे आशीष के खिलाफ तिकोनिया थाने में एफआईआर दर्ज हुई है. आरोप लगाया गया है कि जिस समय किसान प्रदर्शन करने गए थे, उसी वक्त उनके काफिले की गाड़ी ने किसानों को रौंद दिया. इस घटना में चार किसानों की मौत हो गई, जबकि इस घटना के बाद हुई हिंसा में चार अन्य और लोगों की जान चली गई. लेकिन अब सवाल खड़ा होता है कि जिस वक्त यह घटना हुई उस वक्त क्या आशीष वहां थे या नहीं. दोनों ही पक्षों के अपने-अपने बयान हैं.

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने किया बेटे का बचाव, बोले- काफिले पर हुआ था हमला

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने इन आरोपों से इनकार किया कि उनके बेटे आशीष मिश्रा गाड़ी चला रहे थे. अजय मिश्रा ने इस घटना के लिए कुछ असामाजिक तत्वों को जिम्मेदार ठहराया. आजतक से बात करते हुए अजय मिश्रा ने कहा, "हमारे कार्यकर्ता हमारे मुख्य अतिथि के स्वागत के लिए गए थे और मैं उनके साथ था. उसी समय, कुछ असामाजिक तत्वों ने काफिले पर हमला किया, जिसमें कार का चालक घायल हो गया और उससे संतुलन बिगड़ गया.''

Advertisement
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा.

उनके बेटे के कार चलाने के आरोपों पर उन्होंने कहा, कार्यक्रम खुले में आयोजित किया गया था और कार्यक्रम के दौरान प्रशासन और पुलिसकर्मियों सहित हजारों लोग मौजूद थे. उन्होंने आगे कहा कि हमारे तीन कार्यकर्ता और एक ड्राइवर की मौत हो गई है और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. हम भी इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाएंगे. हमारे पास पूरे वीडियो हैं. धारा-302 के तहत जो भी इस मामले में शामिल होगा, उनके खिलाफ मामला दर्ज करवाया जाएगा.

ये भी पढ़ें-- किसान, पत्रकार और BJP कार्यकर्ता... लखीमपुर हिंसा में इन 8 लोगों की गई जान

आशीष मिश्रा ने खुद पर लगे आरोपों को बताया झूठा

केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष ने भी अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा बताया है. उन्होंने कहा कि मैं कार्यक्रम के अंत तक सुबह 9 बजे से बनवारीपुर में था. मेरे खिलाफ आरोप पूरी तरह से निराधार हैं और मैं इस मामले की न्यायिक जांच की मांग करता हूं. दोषियों को सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा, ''हमारी 3 गाड़ियां एक कार्यक्रम के लिए उप-मुख्यमंत्री की अगवानी करने गई थीं. रास्ते में कुछ बदमाशों ने पथराव किया, कारों में आग लगा दी और हमारे 3-4 कार्यकर्ताओं को लाठियों से पीटा.''

Advertisement

रामपुर के घायल चश्मदीद ने बताई अपनी कहानी

लखीमपुर में घटी घटना में दो किसान रामपुर के भी घायल हुए थे. जिसमें से एक किसान गुरजीत सिंह की टांग टूट गयी और कई चोटें आई हैं. इसके अलावा किसान तराई संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजेंदर सिंह विर्क भी घायल हुए हैं, उनको रुद्रपुर के अस्पताल से दिल्ली मेदांता में रेफर किया गया है.

हिंसा में घायल किसान गुरजीत सिंह.

गुरजीत सिंह कोटिया ने आजतक से बातचीत में बताया, "हमने हेलीपैड पर पूरा कब्जा जमा लिया था. हेलीकॉप्टर तो उतर नहीं पाया उनका और डिप्टी सीएम दौरे पर आए या नहीं आए इस बात का हमें नहीं पता. लेकिन हमारे लिए उन्होंने काफिला भेजा जो हमें रौंदता हुआ चला गया. काफिले ने हमें 200 मीटर तक रौंदा."

गुरजीत ने आगे कहा, "वह काफिला अजय मिश्रा टेनी का काफिला था. उसके लड़के का काफिला था. वह हमें रौंदता हुआ चला गया. जिसमें काफी किसान घायल हुए. काफी किसान शहीद हुए. उनके काफिले में तीन-चार गाड़ियां थीं और उन्होंने हमारे तराई सिंह संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उनकी टीम पर ही ज्यादा हमला बोलते हुए उनको ही टारगेट बनाते हुए हम पर हमला बोल दिया."

ये भी पढ़ें-- लखीमपुर हिंसा: 'तीन गाड़ियां आई थीं', मृतक किसान के बेटे ने सुनाई दर्दनाक आपबीती

Advertisement

बहराइच के मृतक किसान के बेटे ने बताई अपनी आंखों-देखी

मृतक दलजीत सिंह के बेटे राजदीप ने लखीमपुर की घटना के बारे में कई बातें बताईं. उसके मुताबिक वह अपने पिता के साथ रविवार को तिकुनिया में हो रहे प्रदर्शन में शामिल होने के लिए गया था. उसके मुताबिक बहराइच के नानपारा से 20-30 लोग मोटरसाइकिल से प्रदर्शन में शामिल होने गए थे.

राजदीप ने बताया कि जब किसान वहां थे उसी दौरान तीन गाड़ियां आईं और उसके पिता समेत कई किसानों को कुचल दिया. वहां एंबुलेंस न होने पर वो मोटरसाइकिल लेने गया तब तक एंबुलेंस आ गई थी. लेकिन रास्ते में उसके पिता की मौत हो गई. उसके मुताबिक मंत्री का बेटा गाड़ियां लेकर आया था. उसी ने सभी को कुचल दिया वहीं उसकी फायरिंग से किसान की मौत हुई है.

 

Advertisement
Advertisement