लक्षद्वीप में 6 दशक पुराना नियम बदलने जा रहा है. इस मुस्लिम बहुल द्वीप पर अब से शुक्रवार को छुट्टी नहीं रहेगी. लक्षद्वीप के एजुकेशन डिपार्टमेंट ने ऐलान कर दिया है कि अब से हर रविवार छुट्टी रहेगी, वहीं शुक्रवार को स्कूल आना होगा. अभी तक जुम्मे की नमाज की वजह से छात्रों को शुक्रवार की छुट्टी दी जाती थी. लेकिन अब उस सालों पुरानी परंपरा को बदल दिया गया है.
सांसद मोहम्मद फैसल ने प्रशासन के इस फैसले का विरोध किया है. उनके मुताबिक इन संवेदनशील मुद्दों पर बातचीत के जरिए सहमति बनाई जाती है. वे कहते हैं कि 6 दशक पहले जब इन द्वीपों पर स्कूल खोले गए थे, तभी से शुक्रवार की छुट्टी और शनिवार का हाफ डे दिया गया था. लेकिन अब प्रशासन ने जो फैसला लिया है, वो बिना किसी बातचीत के लिया है. ना स्कूल से बात की गई है और ना ही किसी जिला पंचायत से. ये बिल्कुल एकतरफा फैसला है.
अब कहा जा रहा है कि प्रशासन ने ये फैसला इसलिए लिया है क्योंकि वे कम समय में बच्चों को ज्यादा पढ़ाना चाहते हैं. वे अपने सीमित संसाधनों का और बेहतर अंदाज में इस्तेमाल करना चाहते हैं. इसी वजह से 6 दशक पुराने नियमों को भी बदलने का फैसला ले लिया गया है. लेकिन अभी क्योंकि ये फैसला एकदम नया है, ऐसे में विरोध के सुर भी स्पष्ट सुनाई दे रहे हैं. स्कूल प्रशासन और कुछ दूसरे बुद्धिजीवी ही इस फैसले का विरोध कर रहे हैं.
Lakshadweep District Panchayat के काउंसलर पी.पी अब्बास कहते हैं कि प्रशासन को बच्चों और उनके माता-पिता की मान्यताओं का भी ध्यान रखना चाहिए. उनकी तरफ से अपील की गई है कि इस फैसले को लेकर दोबारा विचार किया जाए. उन्होंने बकायदा एक चिट्ठी लिखकर इस फैसले का विरोध किया है.
चिट्ठी में लिखा गया है कि लक्षद्वीप मुस्लिम बहुल इलाका है, ऐसे में यहां पर जुम्मे की नमाज की वजह से शुक्रवार की छुट्टी दी गई है. कोई भी इसे नहीं छोड़ सकता है. ऐसे में प्रशासन को सभी को साथ बैठाना चाहिए और फिर इस संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए.