नौकरी के बदले जमीन मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव और बेटी हेमा यादव समेत अन्य आरोपियों को जमानत दे दी है. कोर्ट ने इस मामले में उन्हें पचास हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी.
इससे पहले कोर्ट ने इस मामले में लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी और अन्य आरोपियों को तलब किया था. सभी नामजद आरोपियों को 11 मार्च को पेश होने को कहा था, जिसके बाद आज कोर्ट में उनकी पेशी हुई.
इस मामले में CBI ने लालू यादव समेत 78 लोगों के खिलाफ कन्क्लूसिव चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट में आरोप है कि लालू प्रसाद यादव ने 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए सबसे निचले स्तर की नौकरियां देने के एवज में भारी घोटाला किया. इसके तहत रेलवे में नौकरी देने के नाम पर लालू प्रसाद यादव ने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन और प्रॉपर्टी ट्रांसफर कराई. जमीनों के बदले मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में रेलवे जोन में नौकरियां दी गईं.
क्या है 'जमीन के बदले नौकरी' घोटाला?
यह मामला पश्चिम-मध्य रेलवे के जबलपुर जोन में साल 2004 से 2009 के बीच ग्रुप-डी पदों पर हुई नियुक्तियों से जुड़ा है. आरोप है कि लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान उम्मीदवारों से उनके परिवार या सहयोगियों के नाम पर जमीन हस्तांतरित करवाई गई थी और इसके बदले में उन्हें रेलवे में नौकरियां दी गईं.
सीबीआई ने 18 मई 2022 को लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी, दो बेटियों, अज्ञात सरकारी अधिकारियों और कुछ निजी व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इस मामले में अब तक 30 आरोपियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मिल चुकी है.