केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि ये गंभीर चिंता का विषय है कि खुफिया एजेंसियों की कुछ चुनिंदा रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर जारी कर दिया. किरेन रिजिजू ने कहा कि खुफिया एजेंसियां देश के लिए गुप्त रुप से काम करती हैं और अगर उनकी रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया जाएगा तो खुफिया सेवा में काम करने वाले अफसर भविष्य में दो बार सोचेंगे.
केंद्रीय मंत्री सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के हाल के कुछ रिपोर्ट्स का जिक्र कर रहे थे जिसमें उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए सुझाए गए कुछ नामों पर कॉलेजियम ने आईबी और रॉ की रिपोर्ट को पिछले सप्ताह सार्वजनिक कर दिया था.
बता दें कि 19 जनवरी को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पांच वकीलों को हाई कोर्ट के जजों के रूप में नियुक्त करने की अपनी रिपोर्ट को एक बार फिर से सरकार के पास भेजा था.
इस दौरान कुछ वकीलों की जज के रूप में नियुक्ति पर IB और RAW की रिपोर्ट को कॉलेजियम की ओर से सार्वजनिक किया गया था. इनमें से एक मामला वरिष्ठ वकील सौरभ किरपाल को हाई कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त करने से जुड़ा है. कॉलेजियम की रिपोर्ट में रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) ने वकील सौरभ किरपाल के नाम को मंजूरी देने की सिफारिश पर दो आपत्तियां उठाई हैं.
इन्हीं दो आपत्तियों को सार्वजनिक किया गया है. पहली आपत्ति ये थी कि वकील सौरभ किरपाल के पार्टनर स्विस नागरिक हैं. दूसरी आपत्ति यौन रुझान के बारे में उनका खुलापन है. बता दें कि वकील सौरभ किरपाल समलैंगिक हैं. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इन आरोपों का जवाब देते हुए उनके नाम को बतौर जज नियुक्ति के लिए सरकार के पास भेजा था.
कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने अब कहा है कि खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट को सार्वजनिक करना गंभीर चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि खुफिया एजेंसी के अधिकारी गुप्त तौर पर काम करते हैं और अगर ऐसा हुआ तो खुफिया एजेंसियों के अधिकारी दो बार सोचेंगे. रिजिजू ने कहा कि रॉ और आईबी की संवेदनशील या गुप्त रिपोर्ट को सार्वजनिक डोमेन में रखना गंभीर चिंता का विषय है जिस पर मैं उचित समय पर प्रतिक्रिया दूंगा. उन्होंने कहा कि आज इसके लिए उचित समय नहीं है.