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चीन पर प्रहार के लिए तैनात होगा प्रचंड, असम में LAC के पास और कौन से घातक हथियार हैं

भारतीय सेना उत्तर-पूर्व में चीन सीमा के पास LCH Prachand को तैनात करने जा रहा है. तैनाती असम के मिस्सामारी आर्मी एविएशन बेस पर होगा. यह बेस लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल से 150 KM दूर है. यानी चीन की नापाक हरकतों पर नजर रखने और जरुरत पड़ने पर करारा जवाब देने के लिए भारत की तगड़ी तैयारी है.

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LCH Prachand जल्द ही असम के मिस्सामारी आर्मी एविएशन बेस पर तैनात होगा.
LCH Prachand जल्द ही असम के मिस्सामारी आर्मी एविएशन बेस पर तैनात होगा.

चीन (China) की नापाक हरकतों पर विराम लगाने के लिए भारतीय सेना (Indian Army) उत्तर-पूर्व में LCH Prachand तैनात करने जा रही है. लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टरों की तैनाती असम (Assam) के मिस्सामारी आर्मी एविएशन बेस (Missamari Army Aviation Base) पर की जाएगी. इस बेस की शुरुआत पिछले साल मार्च महीने में की गई थी. यह बेस चीन की सीमा यानी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) से मात्र 150 किलोमीटर दूर है. अगर चीन कोई हरकत करता है तो जवाब देने के लिए 330 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से उड़ने वाला यह हेलिकॉप्टर आधे घंटे से भी कम समय पर मौके पर पहुंच जाएगा. 

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LCH Prachand Deployed Near LAC

इस बेस पर LCH प्रचंड अपना काम करना इस महीने के अंत से शुरू कर देगा. चार हेलिकॉप्टर फिलहाल तैनात होंगे. पांचवां हेलिकॉप्टर नवंबर में मिल जाएगा. मिस्सामारी आर्मी का तीसरा एविएशन बेस है. इसके पहले दो और एविएशन बेस लेह और बेंगलुरू में हैं. LCH प्रचंड की वजह से चीन पर निगरानी रखने के साथ-साथ पूरे पूर्वी कमांड में कई तरह की मदद मिलेगी. 

मिस्सामारी आर्मी एविशन बेस पर पहले से ही काफी खतरनाक हथियार तैनात किए गए हैं. यहां पर एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर ध्रुव (ALH Dhruva), रुद्र (Rudra), चीता जैसे हेलिकॉप्टर तैनात हैं. इसके अलावा इजरायली ड्रोन हेरॉन (Heron) भी तैनात है. LCH Prachand की तरह ही ध्रुव और रुद्र भी हथियारबंद हमलावर हेलिकॉप्टर हैं. पहले जानते हैं कि इन हथियारों की ताकत क्या है? 

LCH Prachand Deployed Near LAC

सबसे पहले बात ध्रुव की... आर्मी के 191 ध्रुव हेलिकॉप्टर हैं. 73 और बनाने का ऑर्डर दे रखा है. इन्हें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड बनाती है. 2 पायलट मिलकर इस हेलिकॉप्टर को उड़ाते हैं. 52.1 फीट लंबे इस हेलिकॉप्टर में 12 जवान बैठ सकते हैं. 16.4 फीट ऊंचे इस हेलिकॉप्टर की अधिकतम गति 291 किलोमीटर प्रतिघंटा है. एक बार 630 किलोमीटर करने वाले इस हेलिकॉप्टर की अधिकतम ऊंचाई पर जाने की क्षमता 20 हजार फीट है. ध्रुव के ही प्लेटफॉर्म पर लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर प्रचंड को बनाया गया है. 

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LCH Prachand Deployed Near LAC

इसके अलावा इस बेस पर चीता (Cheetah) हेलिकॉप्टर हैं. सेना के पास ऐसे 37 हेलिकॉप्टर हैं. इस एक ही पायलट उड़ाता है. इसमें 4 जवान या फिर 1135 KG वजन ले जा सकते हैं. 33.7 फीट लंबे हेलिकॉप्टर की अधिकतम गति 192 KM प्रतिघंटा है. यह 515 किलोमीटर तक एक बार में उड़ सकता है. अधिकतम 18 हजार फीट तक जा सकता है. पहाड़ी इलाकों पर इसे उड़ाना आसान होता है. 

LCH Prachand Deployed Near LAC

इसके अलावा एक शानदार हेलिकॉप्टर है आर्मी एविएशन बेस पर. ये हैं रुद्र हेलिकॉप्टर. सेना के पास ऐसे 75 हेलिकॉप्टर मौजूद हैं. यह एक हथियारबंद हमलावर यूटिलिटी हेलिकॉप्टर है. इसे दो पायलट उड़ाते हैं. 12 जवान बैठ सकते हैं. यह 52.1 फीट लंबा और 16.4 फीट ऊंचा है. अधिकतम 280 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से 20 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है. 600 किलोमीटर की रेंज है. इसमें 20 मिमी की एक एम621 कैनन, 2 मिस्ट्रल रॉकेट्स, 4 FZ275 LGR मिसाइल, 4 ध्रुवास्त्र मिसाइल तैनात किए जा सकते 

LCH Prachand Deployed Near LAC

इसके अलावा मिस्सामारी आर्मी एविएशन बेस पर इजरायल के अत्याधुनिक हेरोन ड्रोन्स (Heron Drones) तैनात है. भारतीय सेना में मौजूद सभी ड्रोन्स की तुलना में ये सबसे बेहतर हैं. सबसे खास बात ये है कि इन ड्रोन्स को जैम नहीं किया जा सकता. इसमें एंटी-जैमिंग तकनीक लगी है. हेरोन 52 घंटे तक उड़ान भर सकता है. यह जमीन से 35 हजार फीट पर शांति से उड़ता रहता है. इसे मैन्युअल और ऑटोमैटिक कंट्रोल सिस्टम से उड़ाया जाता है. यह किसी भी मौसम में उड़ सकता है.  

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हेरोन ड्रोन में कई तरह के सेंसर्स और कैमरा लगे हैं. जैसे- थर्मोग्राफिक कैमरा यानी इंफ्रारेड कैमरा जो रात में या अंधेरे में देखने में मदद करते हैं. विजिबल लाइट एयरबॉर्न ग्राउंड सर्विलांस जो दिन की रोशनी में तस्वीरें लेता है. ये आसमान से ही टारगेट को लॉक करके उसकी सटीक पोजिशन आर्टिलरी यानी टैंक या इंफ्रारेड सीकर मिसाइल को दे सकता है. यानी ड्रोन से मिली सटीक जानकारी से टारगेट पर हमला कर सकते हैं.  

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