scorecardresearch
 

'...ये देश की सबसे बड़ी प्राइवेट कंपनी मुनाफा योजना', संसद में किस स्कीम पर बोले सुरजेवाला?

कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने राज्यसभा में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के काम-काज पर चर्चा की शुरुआत करते हुए ये बताया कि एमएसपी की लीगल गारंटी क्यों जरूरी है?

Advertisement
X
Randeep Singh Surjewala
Randeep Singh Surjewala

राज्यसभा में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भारतीय जनता पार्टी और सरकार को जमकर घेरा. उन्होंने आंकड़े गिना किसान के लिए बजट में एक लाख करोड़ रुपये की कमी किए जाने का आरोप लगाया और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को देश की सबसे बड़ी प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनी मुनाफा योजना बताया. सुरजेवाला ने राज्यसभा में ये भी बताया कि एमएसपी के लिए लीगल गारंटी की जरूरत क्यों है?    

Advertisement

सुरजेवाला ने रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तिया '...देवता मिलेंगे खेतों में, खलिहानों में' भी सुनाईं और कहा कि ये ऐसे सब्जबाग दिखाते हैं. उन्होंने पीएम मोदी के किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने के वादे का जिक्र किया और कहा कि एनएसएसओ की 2021 की रिपोर्ट लेकर आया हूं. किसान रोज का 27 रुपया कमाता है. सुरजेवाला ने कहा कि इनकी एग्रीकल्चर को लेकर कमेटी की रिपोर्ट है जिसने स्वीकार किया है कि किसान की आय दोगुनी होने की जगह कम हो गई है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 2017 से 30 जून तक दो लाख 30 हजार करोड़ प्रीमियम दिया गया. बीमा कंपनियों को मुनाफा हुआ 63 हजार 648 करोड़. सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार खेती को बंधक बनाने के लिए तीन काले कानून लाई और फिर एमएसपी पर खरीद ही नहीं करवाई. लाखों किसान दिल्ली के दरवाजे पर धूप, बारिश गर्मी में पड़े रहे. उन्होंने कहा कि किसान केवल न्याय, हक मांगने आया था पर कानून तो वापस लिए, एमएसपी की गारंटी का वादा आज तक पूरा नहीं हुआ.

Advertisement

यह भी पढ़ें: 'चुनाव लड़ने की उम्र 25 से घटाकर करें 21 साल', AAP सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा में की डिमांड

सुरजेवाला ने राज्यसभा में कहा कि मोदी सरकार एमएसपी तो घोषित करती है लेकिन उस पर वह खरीद ही नहीं करती. उन्होंने कहा कि हमने इसे लेकर सवाल पूछा था, इनका जवाब आया है. सुरजेवाला ने रागी से लेकर गेहूं, जौ, ज्वार-चना के उत्पादन और एमएसपी पर हुई खरीद के आंकड़े बताए. उन्होंने कहा कि गेहूं कुल उत्पादन का केवल 23 परसेंट खरीदी गई. जौ 16 लाख 53 हजार टन उत्पादन हुआ, जीरो परसेंट खरीदा गया. सुरजेवाला ने कहा कि चना 115 लाख 76 हजार टन पैदा हुआ, आपने खरीदा कितना, जीरो परसेंट.

यह भी पढ़ें: '...सवाल ये नहीं है', जब जवाब दे रहे मंत्री पर झुंझलाए लोकसभा स्पीकर, बीच में बैठा ले लिया अगला प्रश्न

उन्होंने कहा कि मसूर 14 परसेंट, सरसो की खरीद कुल उत्पादन के 9.19 परसेंट की गई. सूरजमुखी की खरीद की ही नहीं गई. सुरजेवाला ने कहा कि जब आप एमएसपी पर खरीदेंगे ही नहीं तो उसका लाभ क्या है. इसीलिए एमएसपी की लीगल गारंटी जरूरी है. उन्होंने पीएम मोदी के 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के वादे की भी याद दिलाई और कहा कि किसानों की आय आधी हो गई है. कृषि मूल्य आयोग ने खुद स्वीकार किया है कि एमएसपी का मूल्यांकन प्रांत की लागत के मुताबिक सही नहीं है.

Advertisement

राज्यों में फसल की लागत एमएसपी से अधिक

सुरजेवाला ने कहा कि राज्यों में फसल की लागत एमएसपी से अधिक है. 2022-23 की लागत का 2024 की रिपोर्ट में मूल्यांकन किया गया है. उन्होंने कहा कि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है- धान में महाराष्ट्र में किसान को 31.4 परसेंट का नुकसान हुआ. सुरजेवाला ने राजस्थान में ज्वार, गुजरात में उड़द और सोयाबीन में किसानों को नुकसान का उल्लेख किया और कहा कि ये मैं नहीं, इनकी रिपोर्ट कह रही है. आलू, टमाटर, कीनू के लिए बजट में जो प्रावधान होता था, वह घटते-घटते आज जीरो हो गया है.

यह भी पढ़ें: वंदे भारत स्लीपर और वंदे मेट्रो ट्रेन कब तक चलेगी? रेल मंत्री ने संसद में बताई प्रगति

उन्होंने संसद में कई योजनाओं के बजट में हुई कटौती गिनाई और कहा कि आपने फर्टिलाइजर के बजट में भी कटौती कर दी. सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी की सरकार ने कृषि और किसान कल्याण को शकुनी के चौपड़ का मोहरा बना लिया. किसानों को इस चक्रव्यूह से मुक्ति दिलाई जाएगी. उन्होंने कहा कि 10 साल में केवल मुहावरे गढ़े गए, लेकिन किसान को मिला क्या. लाठियों की मार, सरकार की दुत्कार. दिखावे के लिए किसानों की आरती तो उतारते हैं लेकिन उनके रास्ते में कील-कांटे और नस्तर बिछवाते हैं.

Advertisement

यह भी पढ़ें: 'हम केवल रील बनाने वाले नहीं, काम करने वाले लोग हैं', संसद में कांग्रेस पर भड़के रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव

कांग्रेस सांसद सुरजेवाला ने कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी जब किसान, गरीब, दलित-पिछड़े की आवाज उठाते हैं तब उनसे जाति पूछी जाती है. उन्होंने दिल्ली के कीर्तिनगर में काम करने वाले श्रमिकों से लेकर सोनीपत के खेतों में काम करने वाले किसानों तक की जाति पूछनी की चुनौती दी. सुरजेवाला ने अपने संबोधन के अंत में 'चलो संघर्ष आठो याम तुमसे, करेंगे संघर्ष अंत तक संग्राम तुमसे, हमारी कल्पना साकार होगी, किसानों की फिर जय-जयकार होगी' पंक्तियां भी सुनाईं.

बीजेपी सांसद ने सुरजेवाला पर किया पलटवार

यूपी से बीजेपी के सांसद सुरेंद्र सिंह नागर ने कहा कि यूपीए सरकार के समय कृषि को लेकर जो कमेटी थी, उसमें स्वामीनाथन जी के साथ था. कमेटी ने रिपोर्ट दी थी कि स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश लागू की जाए. उन्होंने कहा कि इसे सरकार ने नकार दिया था. स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश को मोदी सरकार ने लागू करने का काम किया. किसान नेताओं को कभी सम्मान नहीं मिला. नरेंद्र मोदी की सरकार ने किसान नेता चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का काम किया. सुरेंद्र सिंह नागर ने कहा कि सुरजेवाला को कर्नाटक जाकर किसानों के आंसू पोछने चाहिए जहां के वह प्रभारी भी हैं.

Live TV

Advertisement
Advertisement