राज्यसभा में किसानों के मुद्दे पर प्रश्नकाल के दौरान जोरदार हंगामा हुआ. प्रश्नकाल के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजी लाल सुमन ने 12 जुलाई 2000 को किसानों की समस्याओं पर बनी कमेटी की बैठकों के ब्यौरे को लेकर सवाल किया. इसके जवाब में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसान हमारे लिए भगवान की तरह है और किसान की सेवा हमारे लिए पूजा जैसी है. उन्होंने कहा कि इस समिति का गठन तीन उद्देश्यों- एमएसपी उपलब्ध कराने और व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के साथ कृषि मूल्य को अधिक स्वायत्तता और कृषि वितरण प्रणाली के लिए सुझाव देने के लिए.
कृषि मंत्री ने कहा कि समिति की 22 बैठकें हो चुकी हैं. समिति जो सिफारिश देगी, उस पर विचार किया जाएगा. इस पर रामजी लाल सुमन ने कहा कि ये अनिश्चचितता का वातावरण है. ये कब दूर होगा. ये जो किसान को भगवान बता रहे हैं, इनको किसानों से कोई लेना-देना नहीं है. सीधा जवाब दीजिए कि आप एमएसपी को कानूनी दर्जा देना चाहते हैं या नहीं देना चाहते. बचिए मत. इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि राम, शिव से सवाल पूछ रहे हैं. जवाब में शिवराज ने कहा कि एमएसपी की दरें किसान को ठीक दाम देने के लिए लगातार बढ़ाई गई है. ये गलत आरोप लगा रहे हैं. सरकार की छह सूत्रीय रणनीति है.
शिवराज ने उत्पादन बढ़ाने से लेकर लागत घटाने तक के उपाय गिनाए और कहा कि हमें किसान विरोधी कहा जा रहा है. नरेंद्र मोदीजी से बड़ा किसान हितैषी कोई है नहीं. उचित दाम देने के लिए समिति की रिपोर्ट आएगी तब हम कार्रवाई करेंगे. लेकिन तब तक हम चुप नहीं बैठे हैं. उन्होंने फसलों के एमएसपी के दाम बढ़ाए जाने के आंकड़े गिनाए और कहा कि इन 23 फसलों के दाम देख लीजिए. इस दौरान विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. शिवराज ने कहा कि जब सुरजेवालाजी की सरकार हुआ करती थी, उससे दोगुने एमएसपी दिए हैं नरेंद्र मोदी की सरकार ने. हम किसान के हित में लगातार फैसले लेते जा रहे हैं.
उन्होंने किसानों के लिए सम्मान निधि के साथ ही गेहूं-धान की खरीद बढ़ने का भी जिक्र किया. शिवराज ने कहा कि सरकार फर्टिलाइजर पर 1 लाख 68 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दे रही है. और भी कदम जरूरी हैं जिन्हें लेकर सरकार गंभीर है. इसके बाद रणदीप सुरजेवाला और विपक्ष के अन्य सांसदों ने एमएसपी की लीगल गारंटी को लेकर हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे के बीच सभापति ने दोनों पक्ष के सदस्यों से बैठने के लिए कहा और नेम करने की चेतावनी दी. कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि तुअर, मसूर, उड़द किसान जितना उत्पादन करेगा, ये सरकार खरीदेगी.
कृषि मंत्री ने यूपीए और एनडीए सरकार के कार्यकाल में एमएसपी पर हुई खरीद के आंकड़े गिनाए और कहा कि ये घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं. इस पर सप्लीमेंट्री की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे पर सभापति ने कहा कि सप्लीमेंट्री गन की नोक पर लोगे, ऐसे नहीं होगा. उन्होंने कहा कि बच्चे की तरह जिद क्यों कर रहे हो रणदीप, नो. शिवराज ने यूपीए सरकार का कैबिनेट नोट भी टेबल पर रखा जिसमें लागत पर 50 फीसदी बढ़ाकर एमएसपी निर्धारित करने से इनकार की बात कही गई थी. उन्होंने स्वामीनाथन समिति की सिफारिशें लागू करने से इनकार का भी उल्लेख किया. इस दौरान विपक्ष के सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया.
उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि ये किसान के नाम पर केवल राजनीति करना चाहते हैं, देश को अराजकता में झोंकना चाहते हैं. पूरी जिम्मेदारी के साथ कहता हूं, किसान की बेहतरी के लिए काम करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.