शराब घोटाला मामले में फंसे दिल्ली सरकार में डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया को बड़ा झटका लगा है. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज करने के आदेश पर पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने इस मामले में गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि, 'हमने समीक्षा याचिकाओं का भी ध्यानपूर्वक अध्ययन किया है. ऐसे में इस फैसले के ग्राउंड पर हमारी राय में समीक्षा का कोई मामला नहीं है.
कोर्ट ने समीक्षा याचिकाओं की मौखिक सुनवाई हेतु प्रार्थना को भी अस्वीकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कहा कि जमानत याचिका खारिज करने का फैसला 30 अक्टूबर को लिया गया था. ऐसे में समीक्षाएं खारिज की जाती हैं.
30 अक्टूबर को खारिज हुई थी सिसोदिया की जमानत याचिका
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने 30 अक्टूबर को सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. तब सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि जांच एजेंसी 338 करोड़ रुपये के लेनदेन की बात अस्थाई रूप से साबित कर पाई है. जेल में बंद सिसोदिया की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट से पहले ही खारिज हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर 6 से 8 महीने में ट्रायल पूरा नहीं होता है या अगले तीन महीने में ट्रायल की रफ्तार धीमी रहती है तो वो जमानत याचिका फिर से दाखिल कर सकते हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट ने भी खारिज की थी जमानत याचिका
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट से पहले दिल्ली हाईकोर्ट भी सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर चुकी है. मई में हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि सिसोदिया पर काफी गंभीर आरोप हैं. हाईकोर्ट ने कहा था कि सिसोदिया का इस मामले में व्यवहार भी सही नहीं रहा है. वो गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. इनके पास 18 विभाग रहे हैं. पूर्व डिप्टी सीएम भी रहे हैं. इसलिए उनको जमानत नहीं दी जा सकती.
शराब घोटाले मामले में सीबीआई ने इस साल 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था. इसके बाद 9 मार्च को भी ईडी ने सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था. तब से ही सिसोदिया जेल में हैं.