ICICI बैंक और Videocon लोन फ्रॉड केस में आरोपी वीडियोकॉन चेयरमैन वेणुगपाल धूत को बड़ी राहत मिल गई है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें 1 लाख रुपए के मुचकले पर जमानत दे दी. इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में ICICI बैंक की पूर्व एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को जमानत दी थी. सीबीआई ने चंदा कोचर और दीपक कोचर के बाद वेणुगपाल धूत को गिरफ्तार किया था.
धूत ने गिरफ्तारी के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उन्होंने अपनी याचिका में मांग की थी कि सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी को अवैध घोषित किया जाए और उन्हें रिहा किया जाए. कुछ दिनों पहले हाई कोर्ट ने इसी मामले के दो आरोपियों आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक को इसी आधार पर जेल से रिहा कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि गिरफ्तारी कानून के अनुसार नहीं है.
इससे पहले कोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सीबीआई के अधिवक्ता राजा ठाकरे ने कहा था कि ईडी का मामला मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप की जांच तक सीमित है जबकि सीबीआई जांच में साजिश, भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी समेत कई अन्य मामले शामिल हैं. सीबीआई जांच के परिमाण की तुलना ईडी जांच से नहीं की जा सकती है. धूत ने अपनी याचिका में कहा था कि प्राथमिकी 2018 में दर्ज की गई थी और इसलिए अब उनकी गिरफ्तारी की गई है.
हाईकोर्ट ने वेणुगपाल को जमानत दे दी है. इसके साथ ही कोर्ट ने वेणुगपाल धूत को राहत देने के खिलाफ आवेदन करने वाले वकीलों पर 25 हजार रुपए का जुर्माना ठोका है. पैसा महाराष्ट्र कानूनी सहायता सेवाओं के पास जमा किया जाएगा.
क्या है मामला?
वीडियोकॉन को लोन मामले में सीबीआई ने दिसंबर 2022 में बड़ा एक्शन लेते हुए ICICI बैंक की पूर्व MD और CEO चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था. इसके बाद एजेंसी ने वेणुगपाल धूत की गिरफ्तारी की थी. आरोप है कि जब चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक की कमान संभाल रही थीं, तब उन्होंने वीडियोकॉन ग्रुप को लोन दिया था. बदले में चंदा के पति दीपक कोचर की कंपनी नू रिन्यूएबल को वीडियोकॉन से निवेश मिला था.
जानकारी के मुताबिक 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को ICICI बैंक द्वारा लोन दिया गया था. जो बाद में एनपीए हो गया और बाद में इसे "बैंक फ्रॉड" कहा गया. सितंबर 2020 में प्रवर्तन निदेशालय ने दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था. दरअसल, 2012 में, चंदा कोचर के नेतृत्व में आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ का लोन दिया और छह महीने बाद वेणुगोपाल धूत के स्वामित्व वाली मेसर्स सुप्रीम एनर्जी ने मैसर्स न्यूपावर रिन्यूएबल्स को 64 करोड़ का लोन दिया, जिसमें दीपक कोचर की 50% हिस्सेदारी है.