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'बालासोर ट्रेन हादसे में स्थानीय लोगों ने बचाईं एक हजार से ज्यादा जानें', बोले सीएम नवीन पटनायक

ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने कहा कि रेल हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने 1,000 से ज्यादा लोगों की जान बचाई है. पटनायक ने कहा कि मंत्री, शीर्ष अधिकारी, सहायक कर्मचारी सभी दुर्घटनास्थल और स्वास्थ्य केंद्रों पर थे, व्यवस्था कर रहे थे और बचाव अभियान की निगरानी कर रहे थे और घायलों का इलाज कर रहे थे.

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 सीएम नवीन पटनायक ने दावा किया कि ओडिशा के लोगों ने हादसे में 1 हजार से ज्यादा जानें बचाईं.
सीएम नवीन पटनायक ने दावा किया कि ओडिशा के लोगों ने हादसे में 1 हजार से ज्यादा जानें बचाईं.

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने दावा किया कि प्रदेश के लोगों ने बालासोर रेल हादसे में 1,000 से ज्यादा लोगों की जान बचाई है. हमने इस भयावह हादसे में देखा कि किस तरह से स्थानीय लोग रेस्क्यू में लगे थे. साथ ही अस्पतालों में रक्तदान के लिए लंबी-लंबी कतारें देखी गईं. ये तस्वीरें अमूल्य हैं. त्रासदी में जान गंवाने वालों की याद में एक मिनट का मौन रखने के बाद पटनायक ने कहा कि स्थानीय लोगों के प्रयासों ने ओडिशा के लोगों की करुणा और मानवता को प्रकट किया है.

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सीएम पटनायक ने कहा कि हादसे के बाद डॉक्टर, मेडिकल छात्र औऱ आम जनता सभी के मन में एक ही बात थी कि हम जितना हो सके जीवन बचाएं. और हमने एक हजार से अधिक लोगों की जान बचाई है. 

ट्रेन हादसे को याद करते हुए सीएम ने कहा कि बालासोर में हुई त्रासदी से हर कोई वाकिफ है जिसने देश, यहां तक कि दुनिया को हिला कर रख दिया था. उन्होंने कहा, यह बहुत दुख का समय है, लेकिन, इस दुर्घटना ने ओडिशा की ताकत, संकट के समय उम्मीदों पर खरा उतरने की उसकी क्षमता को साबित कर दिया है.

पटनायक ने कहा कि मंत्री, शीर्ष अधिकारी, सहायक कर्मचारी सभी दुर्घटनास्थल और स्वास्थ्य केंद्रों पर थे, व्यवस्था कर रहे थे और बचाव अभियान की निगरानी कर रहे थे और घायलों का इलाज कर रहे थे.

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हादसे में 288 लोगों ने गंवाई जान
 

रेल हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई है. मुख्य सचिव पीके जेना ने कहा कि सोमवार तक 275 मौतों की पुष्टि की गई थी, लेकिन शवों के सत्यापन के बाद यह आंकड़ा 288 हो गया. जेना ने कहा कि अब तक कुल मृतकों में से 205 शवों की पहचान कर उनके परिजनों को सौंप दिया गया है. उन्होंने कहा कि शेष 83 शवों को पहचान के लिए एम्स-भुवनेश्वर और अन्य अस्पतालों में रखा गया है.

सीबीआई कर रही हादसे की जांच
 

बता दें कि हादसे की जांच सीबीआई कर रही है. सीबीआई की टीम ने मंगलवार को दो बार बालासोर में घटना स्थल और बहनागा रेलवे स्टेशन पहुंचकर जांच की. टीम ने मेन लाइन और लूप लाइन दोनों की जांच की. CBI के अधिकारी इस दौरान सिग्नल रूम भी गए. टीम के साथ रेलवे के अधिकारी भी मौजूद थे. टीम का पूरा फोकस हादसे के पीछे की वजह और गुनहगार की पड़ताल करने पर है. इस सिलसिले में टीम रेलवे सुरक्षा एक्सपर्ट से भी विचार-विमर्श कर सकती है. जांच के लिए बनाई गई टीम का नेतृत्व सीबीआई के संयुक्त निदेशक (विशेष अपराध) विप्लव कुमार चौधरी कर रहे हैं.

कब और कैसे हुआ था ओडिशा रेल हादसा?

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ट्रेन नंबर 12481 कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानगा बाजार स्टेशन के (शालीमार-मद्रास) मेन लाइन से गुजर रही थी, उसी वक्त डिरेल होकर वो अप लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई. ट्रेन पूरी रफ्तार (फुल स्पीड) में थी, इसका परिणाम यह हुआ कि 21 कोच पटरी से उतर गए और 3 कोच डाउन लाइन पर चले गए.दरअसल, बहानगा बाजार स्टेशन पर इन ट्रेन का स्टॉपेज नहीं है. ऐसे में दोनों ही ट्रेनों की रफ्तार तेज थी. बहानगा बाजार स्टेशन से गुजर रही कोरोमंडल एक्सप्रेस अचानक पटरी से उतरी तो ट्रेन के कुछ डिब्बे मालगाड़ी से जा भिड़े. इसी दौरान हादसे के समय डाउन लाइन से गुजर रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बे भी पटरी से उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस की चपेट में आ गए. हादसा भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन से करीब 171 किलोमीटर और खड़गपुर रेलवे स्टेशन से करीब 166 किलोमीटर दूर स्थित बालासोर जिले के बहानगा बाजार स्टेशन पर हुआ.
 

 

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