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लोकसभा में केंद्र बोला- लॉकडाउन में कच्चे तेल की मांग में आई भारी कमी, कमाई भी घटी

तेल और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने सदन को बताया कि कोरोना महामारी के दौरान कच्चे तेल की मांग में गिरावट आई है. इसकी वजह से देश में लॉकडाउन के दौरान राजस्व में कमी आई है.

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लॉकडाउन में कच्चे तेल की मांग घटी (फाइल फोटो-PTI)
लॉकडाउन में कच्चे तेल की मांग घटी (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लॉकडाउन में कच्चे तेल की मांग में कमी
  • तेल की मांग कमी से राजस्व में गिरावट
  • केंद्र सरकार ने लोकसभा में दी जानकारी

केंद्र सरकार ने कहा है कि कोरोना संकट के चलते देश में लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान कच्चे तेल की मांग में भारी गिरावट देखने को मिली. इससे राजस्व में भारी कमी दर्ज की गई है. एक सवाल के जबाव में तेल और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने सोमवार को लोकसभा में यह जानकारी दी. 

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तेल और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने सदन को बताया कि कोरोना महामारी के दौरान कच्चे तेल की मांग में गिरावट आई है. इसकी वजह से देश में लॉकडाउन के दौरान राजस्व में कमी आई है.

मॉनसून सत्र के दौरान सरकार ने लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों की स्थिति पर भी जवाब दिए. विपक्ष के कुछ सांसदों ने प्रवासी मजदूरों की मौत के आंकड़े की जानकारी मांगी थी, जिसपर सरकार ने कहा कि उनके पास ऐसा कोई आंकड़ा नहीं है. 

असल में, सवाल पूछा गया था कि क्या सरकार प्रवासी मजदूरों के आंकड़े को पहचानने में गलती कर गई, क्या केंद्र के पास ऐसा आंकड़ा है कि लॉकडाउन के दौरान कितने श्रमिकों की मौत हो गई. लॉकडाउन के मजदूरों के मरने की बात सामने आई थी. इस पर केंद्र सरकार की ओर से मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने लिखित जवाब दिया.

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सरकार ने बताया कि भारत ने एक देश के रूप में, केंद्र-राज्य सरकार ने, लोकल बॉडी ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ी है. मौत के आंकड़ों को लेकर सरकार का कहना था कि उनके पास ऐसा कोई डेटा नहीं है. 

सांसदों ने सीट पर बैठकर ही पूछे सवाल

बहरहाल बता दें कि लोकसभा के इतिहास में पहली बार हुआ है कि मॉनसून सत्र के साथ शुरू हुई लोकसभा की कार्यवाही में भाग लेने वाले सांसदों को अपनी सीटों पर बैठकर बोलने की अनुमति दी गई. कोविड-19 महामारी से बचने के लिए यह पहल की गई है. 

 

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