संसद का मॉनसून सत्र 19 जुलाई को शुरू हुआ था और ये पूरा ही सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया है. विपक्ष ने सदन में लगातार पेगासस जासूसी विवाद और कृषि कानूनों पर चर्चा की मांग के साथ हंगामा किया है. व्यवधान के चलते दोनों ही सदन लगातार बाधित होते रहे हैं. बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चिकाल के लिए स्थगित कर दी गई. हालांकि, पहले ये जानकारी थी कि सदन 13 अगस्त तक चलेगा.
बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह भी लोकसभा पहुंचे थे. सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, लोकसभा अध्यक्ष ने कुछ सांसदों के देहांत पर शोक संदेश पढ़ा. इसके बाद ओम बिरला ने बताया कि सत्र में कार्यवाही अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रही है.
लोकसभा से कुल 20 विधेयक पारित
ओम बिरला ने जानकारी दी कि निरंतर व्यवधान के कारण सदन में महज 22 प्रतिशत उत्पादकता ही रही. उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान संविधान 127वां संशोधन विधेयक सहित कुल 20 विधेयक पारित किए गए, जबकि 66 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए. सदस्यों ने नियम 377 के अधीन 331 मामले उठाए.
ओम बिरल ने बताया कि 17 बैठकों में महज 21 घंटे 14 मिनट ही काम किया गया. बैठक के लिए नीयत 96 घंटे में 74 घंटे 46 सदन में कामकाज नहीं हो सका है. ये जानकारी देते हुए ओम बिरला ने लोकसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया.
बता दें कि विपक्षी सांसदों ने लोकसभा में लगातार पेगासस जासूसी विवाद पर स्थगन प्रस्ताव दिए हैं और चर्चा की मांग की है. लेकिन सरकार की तरफ से इस मसले पर चर्चा नहीं की गई है. लिहाजा, हर दिन की कार्यवाही शुरू होते विपक्ष के सांसद हाथों में प्लेकार्ड लेकर वेल में पहुंच जाते थे और जासूसी बंद करो जैसे नारे लगाते थे.
लगातार नारेबाजी और हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही को दिन में कई बार स्थगित करना पड़ता था. जो विधेयक पारित हुए हैं वो भी हंगामे के बीच ही हुए हैं. विधेयक पारित करने को लेकर भी विपक्ष ने सवाल उठाए हैं और कहा है कि सरकार ने मिनटों में बिना चर्चा के बिल पारित किए हैं.
कांग्रेस सांसद ने उठाए जल्दी सत्र खत्म होने पर सवाल
लोकसभा में कांग्रेस के नेता सदन अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा के अनिश्चितकाल तक स्थगित होने पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि पहले यह कहा गया था कि सदन 13 तारीख तक चलेगा पर आज सरकार ने अचानक यह फैसला ले लिया कि लोकसभा को अनिश्चितकाल तक स्थगित कर दिया है.